Wednesday, December 26, 2018

أبرز الأفلام التي تستحق المشاهدة خلال العام المقبل

بينما يقترب العام الحالي من أيامه الأخيرة، مفسحا المجال أمام عام 2019 بكل ما قد يأتي معه من جديد ومفاجآت، يبدو الوقت مثاليا لنستكشف ما في جعبة العام الجديد من أعمال سينمائية.
وننتظر خلال الأشهر المقبلة مجموعة من الأفلام المتنوعة التي يتوقع أن تلبي أذواق الجميع، بدءا من الأفلام ذات الحظوظ العالية في جوائز الأوسكار والأفلام الغنائية الشهيرة، وسلاسل الأبطال الخارقين، ووصولا إلى إنتاجات جديدة لأعمال سينمائية ملحمية ضخمة.
وفيما يلي نلقي نظرة على أهم الأفلام المرتقبة:
بما أن حفل توزيع جوائز الأوسكار يأتي في 24 فبراير/شباط، فمن الطبيعي أن تهيمن الأفلام المرشحة للجوائز على دور العرض خلال الأشهر الثلاثة الأولى من عام 2019.
وتبدأ السنة الجديدة مع فيلم "المفضلة"، وهو دراما بريطانية يعود بنا إلى بلاط الملكة آن في بدايات القرن الثامن عشر، وهو منافس قوي على جوائز الأوسكار.
ورغم أن الوقت لا يزال مبكرا للحكم، فإن كثيرا من النقاد اختاروا منذ الآن بطلة الفيلم أوليفيا كولمان، وهي أحدث ممثلة تلعب دور ملكة بريطانية، كمرشحة لجائزة الأوسكار.
ومن الأفلام الأخرى المرشحة للتنافس على الجائزة الأهم في عالم السينما، فيلم مؤثر عن مدمن مخدرات بعنوان "الصبي الجميل" وآخر بعنوان "صبي ممحو" عن مراهق يخضعه والداه لعلاج بهدف التخلص من ميوله المثلية، وفيلم التشويق والجريمة "المدمر" الذي تلعب بطولته نيكول كيدمان.
كما يبرز أيضا فيلم "كتاب أخضر" وفيلم "لو أمكن لشارع بيل أن يحكي" وهما عن التمييز العنصري ضد السود في فترتي الستينات والسبعينات في أمريكا، إضافة إلى فيلم آخر عن الملوك وهو "ماري ملكة الاسكتلنديين".
وهناك أيضا مجموعة من الأفلام عن السير الشخصية تعالج مواضيع مختلفة مثل "كله حقيقي" عن وليام شكسبير، و"كوليت" عن الكاتبة الفرنسية سيدوني غابرييل كوليت، وهو من بطولة كيرا نايتلي، وفيلم "ستان وأولي" عن الثنائي الكوميدي الأشهر لوريل وهاردي، و"هل يمكن أن تسامحني" عن الكاتبة الأمريكية لي إسرائيل التي تورطت بعمليات تزوير أدبي، وفيلم "حرب خاصة" عن المراسلة الحربية الأمريكية التي قتلت في سوريا، ماري كولفين، و"الغراب الأبيض" عن حياة راقص الباليه الشهير رودولف نورييف.
أما عشاق الأفلام التي تتحدث عن السياسة الأمريكية، فسيجدون ضالتهم في فيلم عن حياة نائب الرئيس الأمريكي الأسبق ديك تشيني بعنوان "النائب"، أو في فيلم "عداء الجبهة" عن السيناتور الأمريكي غاري هارت الذي ترشح للرئاسة الأمريكية عام 1988، وآخر بعنوان "على أساس الجنس" عن قاضية المحكمة العليا الأمريكية روث بادر غينسبورغ.
وفي شهر يناير/كانون الثاني، يأمل المخرج إم نايت شيامالان في أن يثبت فيلمه الجديد "زجاج" أنه قادر على غزو شباك التذاكر مثل فيلميه السابقين في ثلاثية "لا يكسر".
أما في مارس/آذار فسيكون هناك المزيد من أفلام الأبطال الخارقين مع "كابتن مارفل"، وهو الفيلم الأول عن بطلة خارقة من إنتاجات مارفل سينماتيك يونيفيرس.
وينتظر عشاق أفلام الرسوم المتحركة أجزاء جديدة من السلاسل المفضلة مثل "كيف تدرب تنينك: العالم المخفي"، و"ليغو موفي 2: الجزء الثاني"، إضافة إلى إنتاجات جديدة مأخوذة عن أفلام رسوم متحركة شهيرة مثل فيلم عن الفيل المحبوب "دنبو" للمخرج تيم بورتون وهو إعادة إنتاج بتقنية المحاكاة الحركية للقصة الكلاسيكية الشهيرة، وفيلم الخيال العلمي الذي طال انتظاره "أليتا: معركة الملاك".
ويستمر تدفق أفلام الأبطال الخارقين في شهر أبريل/نيسان الذي يبدأ مع فيلم "شازام!"، قبل عودة "هيل بوي" في فيلم للمخرج نيل مارشال، إضافة إلى جزء جديد من سلسلة "المنتقمون" من إنتاج مارفل وهو بعنوان "المنتقمون: نهاية اللعبة".
أما مايو/أيار، فسيشهد هبوط بطل خارق شرير على كوكب الأرض في فيلم "برايتبورن"، في حين يحمل يونيو/حزيران معه "رجال إكس: عنقاء الظلام" وهو جزء جديد من السلسلة الشهيرة عن كائنات غريبة خارقة القوة.
وستشهد أفلام بوكيمون عودة كبيرة لها هذا الربيع مع "المحقق بيكاتشو"، وكذلك "رجال البزات السود" مع فيلم "رجال البزات السود: عالمي"، و"حكاية لعبة 4" و"الحياة السرية للحيوانات الأليفة 2".
وسيحصل الصغار على نصيب كبير من المتعة في هذا الشهر خصوصاً مع فيلمي الرسوم المتحركة الجديدين "الرابط الضائع" و"حديقة العجائب".
وسنتعرف على قصة حياة إلتون جون، وصعوده إلى الشهرة في فيلم غنائي بعنوان "روكيتمان"، في حين أن موسيقى وأغاني فريق البيتلز ستكون حاضرة في جزء جديد من فيلم "الحب الحقيقي" الرومانسي الكوميدي للمخرج ريتشارد كورتيس (لم يتم اختيار اسم الفيلم بعد).
ويتميز هذا الصيف بأجزاء جديدة من سلاسل أفلام شهيرة، فلدينا "الرجل العنكبوت: بعيدا عن الوطن"، و"سقط الملاك: الفصل الثاني" بطولة جيرارد باتلر ومورغان فريمان، والجزء التاسع من سلسلة "السرعة والغضب" تحت اسم "هوبز آن شو".
لكن مهلاً، هذا ليس كل شيء، إذ يعود المخرج كوينتن تارانتينو هذا الصيف مع فيلم "ذات مرة في هوليوود" وهو من بطولة ليوناردو دي كابريو وبراد بيت وتجري أحداثه عام 1969 في الفترة شهدت جرائم ارتكبت بتحريض من تشارلز مانسون، زعيم الهيبيين.

Monday, November 5, 2018

उत्तर प्रदेश: हरदोई जिले में पटरी पर काम कर रहे चार गैंगमैन की ट्रेन की चपेट में आने से मौत

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सोमवार को संडीला और उमरतली रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी पर काम कर रहे चार गैंगमैन की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गयी. उत्तर रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, चार गैंगमैन संडीला और उमरतली स्टेशनों के बीच रेल पटरी पर ड्रिलिंग का काम कर रहे थे, तभी वे वहां से गुजर रही कोलकाता-अमृतसर अकाल तख्त एक्सप्रेस की चपेट में आ गये. सूत्रों के मुताबिक, गैंगमेन बिना किसी पूर्व सूचना के काम कर रहे थे, इसी वजह से यह हादसा हुआ.
बहरहाल, सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच के आदेश दिये गये हैं. इस बीच, हरदोई के अपर पुलिस अधीक्षक ज्ञानंजय सिंह ने बतान में कौशल (32), राजेश (35), रामस्वरूप (45) तथा राजेंद्र (42) शामिल हैं. उन्होंने बताया कि रेलवे पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया रेलवे ने मृतक कर्मचारियों के परिवार वालो को 15 दिन में 25 -25 लाख का मुआवजा देने का एलान किया है. बाकी तीन सदस्यीय जांच दल इस हादसे की जांच में जुटा है. वहीं, मृतक के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने तीन रेल विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज़ किया है. बीते दिनों दशहरा के मौके पर पंजाब के अमृतसर में एक भीषण ट्रेन हादसा हो गया था. वहां दशहरा में रावण दहन देख रहे लोग अचानक आट्रेन की चपेट में आ गए थे. उस हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.पाकिस्तान के सरकारी समाचार चैनल पीटीवी ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल पार्टी स्कूल में अपने प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण के सजीव प्रसारण के दौरान स्क्रीन पर ‘‘बीजिंग'' की जगह अंग्रेजी शब्द ‘‘बेगिंग'' (भीख मांगना) लिखने के लिये माफी मांगी है. आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान के लिये आर्थिक पैकेज सुनिश्चित करने के इरादे से चीन की आधिकारिक यात्रा पर गये खान रविवार को बीजिंग स्थित सेंट्रल पार्टी स्कूल में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. पाकिस्तान टेलीविजन कॉरपोरेशन (पीटीवी) इसका सीधा प्रसारण कर रहा था. खान के भाषण के दौरान पीटीवी ने स्क्रीन में बायीं तरफ ऊपरी कोने में ‘‘बीजिंग'' लिखने के बजाय ‘‘बेगिंग'' लिख दिया था. यह शब्द करीब 20 सेकंड तक स्क्रीन पर दिखता रहा, जिसे बाद में बदल दिया गया.
‘पीटीवी न्यूज' के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया, ‘‘चीन की यात्रा पर गये प्रधानमंत्री के संबोधन के आज सीधे प्रसारण के दौरान वर्तनी से संबंधित गलती हुई. यह गलती करीब 20 सेकंड तक बनी रही, जिसे बाद में हटा लिया गया. इस घटना पर हमें खेद है. संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.'' स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह चूक इसलिए भी खासतौर पर मजाक का पात्र बन गयी क्योंकि खान आसन्न आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस संकट से उबारने की अपनी कोशिश के तहत चीन की यात्रा कर रहे हैं.
किस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने ‘पीटीवी' द्वारा दिखाये गये डेटलाइन स्लग (जगह का नाम) को लेकर हुई व्यापक आलोचना के संदर्भ में जांच के आदेश दिये हैं. पीटीवी की इस चूक की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई. पाकिस्तान में ट्विटर पर #बेगिंग के साथ पोस्ट किये गये इसके स्क्रीनशॉट ट्रेंड कर रहे थे. अपनी यात्रा के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग से खान की बातचीत का मुख्य फोकस आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिये चीन से कर्ज मांगना था. बहरहाल, चीन ने कहा कि वह पाकिस्तान को आवश्यक सहयोग करेगा. ऐसी सूचना है कि चीन ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर की सहायता राशि देने की प्रतिबद्धता जतायी है, हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

Sunday, October 14, 2018

पेट्रोल पंप पर गैस भराते समय कार चालक ने किया कुछ ऐसा जिसे देखकर

न्यू जर्सी: पेट्रोल पंप पर अपनी कार में गैस  भराने आए एक युवक ने कुछ ऐसा किया जिस वजह से देखते ही पेट्रोल पंप पर आग लग गई. हालांकि पेट्रोल पंप कर्मचारियों की समझदारी से आग पर समय रहते ही काबू पा लिया गया. और इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. पुलिस फिलहला इस मामले में आरोपी की तलाश कर रही है. दरअसल, यह पूरा मामला न्यू जर्सी का है. इस घटना के सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर दिख रहा है कि किस तरह से कार चालक पहले पंप पर गैस लेने के लिए रुकता है. लेकिन इससे पहले की पंप के कर्मचारी इस वजह से गैस का पाइप उससे लगी मशीन के साथ उखड़ जाता है और वहां आग लग जाती है. गैस पंप पर लगी आग को देखने के बाद पेट्रोल पंप का कर्मचारी फौरन वहां आता है और आग पर काबू पाने की कोशिश करता है. महज कुछ सेकेंड्स के अंदर ही वह आग पर काबू भी पा लेता है. पुलिस अब इस मामले में आरोपी कार चालक की तलाश कर रही है. जो घटना के बाद से ही फरार है. उसकी कार से गैर की पाइप निकलाते वह कार लेकर जाने लगता है.पुणे: मोदी सरकार में मंत्री रामदास अठावले  (  ) ने 2019 से पहले भाजपा और शिवसेना के बीच बढ़ती तकरार को दूर करने के अनूठा सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के कार्यकाल को दोनों सहयोगी दलों के बीच बराबर-बराबर बांटा जाना चाहिए. अठावले ने कहा कि वह शिवसेना और भाजपा के नेताओं के साथ इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘अधिक सीटें पाने वाले दल के नेता का मुख्यमंत्री बनने का फॉर्मूला तो पहले से ही चल रहा है लेकिन मैं दोनों पार्टियों के नेताओं से इस नये फॉर्मूला पर बात करने वाला हूं’’. केंद्र की राजग सरकार और महाराष्ट्र सरकार में सत्तारूढ़ सहयोगी दोनों दलों के बीच विभिन्न मुद्दों पर मतभेद चल रहे हैं. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनकी पार्टी भविष्य में सभी चुनाव अकेले लड़ेगी. दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि वह शिवसेना के साथ गठबंधन चाहती है लेकिन अगर समझौता नहीं हुआ तो वह अकेले अपने दम पर लड़ेगी.केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ने मुंबई की दक्षिण मध्य लोकसभा सीट पर भी अपना दावा पेश किया जहां से फिलहाल शिवसेना के राहुल शेवाले सांसद हैं. अठावले ने कहा, ‘‘अगर भाजपा और शिवसेना 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाते हें तो मैं शिवसेना से मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा को मेरे लिए छोड़ने को कहूंगा और बदले में मैं भाजपा को शिवसेना के लिए पालघर सीट छोड़ने के लिए मनाऊंगा’’. भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में घटक दल होने के बावजूद इस साल मई में पालघर लोकसभा उपचुनाव एक दूसरे के खिलाफ लड़ा था जिसमें भाजपा के राजेंद्र गावित ने शिवसेना के श्रीनिवास वनागा को हराया था. अठावले ने यह भी कहा कि अगर शिवसेना और भाजपा गठबंधन नहीं करते, तो भी उनके लिए मुंबई दक्षिण मध्य सीट पर जीत पाना बहुत मुश्किल नहीं होगा.
नई दिल्ली : जन अधिकार पार्टी प्रमुख और बिहार के मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव  (   ) ने गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले को 'सियासी खेल' करार दिया है. उन्होंने कहा कि गुजरात की जिस बच्ची से रेप की बात कही जा रही है उसकी अभी तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं आई है. आखिर उसे क्यों छुपाया गया? अगर रेप हुआ तो स्पीडी ट्रायल हो. अगर यह सिर्फ बिहार और यूपी के लोगों को भगाने की साजिश थी तो इसकी जल्द जांच कर उजागर किया जाय. इस पूरे घटनाक्रम के पीछे बड़ा सियासी खेल है. पप्पू यादव ने कहा कि गुजरात की BJP सरकार रेप की घटना से ठीक पहले 80 फीसद सरकारी और निजी नौकरियों को स्थानीय लोगों को देने का ऐलान कर रही थी.  के मंत्री, सांसद और विधायक 80 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों को नहीं देने पर फैक्टरी में ताला लगा देने का दावा कर रहे थे. इसी बीच यह वाकया हुआ और यूपी-बिहार के लोगों को भगाया गया.  इस पूरे घटनाक्रम पर  और  की चुप्पी संदेह पैदा करती है.
पप्पू यादव ने   सांसद रमेश बिधूड़ी पर भी हमला बोला है. उन्होंने बिधूड़ी के कथित बयान को लेकर कहा है कि ये UP-बिहार के लोगों को दिल्ली से भगा देने की बात करते हैं. UP-बिहार वालों से पहले काम कराओ और फिर पीट कर भगाओ.  PM मोदी और अमित शाह को इसका जवाब देना चाहिए. इन पर रासुका लगाएं, नहीं तो मैं इनका 'इलाज' UP-बिहार के साथ मिलकर करूंगा.

Monday, October 8, 2018

चर्चा में रहे लोगों से बातचीत पर आधारित साप्ताहिक कार्यक्रम

हीं, एक और महिला ने गौतम अधिकारी पर बिना अनुमति के किस करने का आरोप लगाया है. गौतम अधिकारी उस वक़्त मुंबई में डीएनए के प्रधान संपादक थे. गौतम अधिकारी का कहना है कि उन्हें उस वाक़ये के बारे में याद नहीं है. टाइम्स ऑफ इंडिया के हैदराबाद के रेजिडेंट एडिटर केआर श्रीनिवास पर भी कई महिलाओं ने दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं.
इस मामले में शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया के पब्लिशर बीसीसीएल ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो इसकी जांच कर रहा है और अगर ऐसा हुआ है तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक पूर्व कर्मी ने ट्विटर पर अख़बार के राष्ट्रीय राजनीतिक संपादक और ब्यूरो चीफ़ प्रशांत झा के व्यवहार को असहज करने वाला बताया है. हिन्दुस्तान टाइम्स के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इसकी जांच सोमवार से शुरू हो जाएगी.
पिछले महीने जब बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने जाने-माने अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया तो उसके बाद से कई महिलाएं सामने आईं. तनुश्री दत्ता ने 2008 में फ़िल्म की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. तनुश्री दत्ता ने फ़िल्मकार विवेक अग्निहोत्री पर भी आरोप लगाया है कि उन्होंने कपड़े उतारने के लिए कहा था.
पिछले हफ़्ते जाने-माने एआईबी कॉमेडी ने उत्सव चक्रव्रती से सभी तरह के संबंध तोड़ने की घोषणा की थी. उत्सव पर एक लेखिका ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उस लेखिका का कहना था कि एआईबी से उसने शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
पिछले साल ये बात चली थी कि टेस्ट मैच को चार दिन का कर दिया जाए.
इसका कारण ये बताया गया था कि बहुत से टेस्ट मैच पाँचवें दिन तक पहुँच ही नहीं पाते तो क्यों न इस फ़ॉरमेट को ही छोटा कर दिया जाए.
ये चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है क्योंकि अब भारत और वेस्ट इंडीज़ के बीच राजकोट में खेला गया पहला टेस्ट मैच तीसरे ही दिन समाप्त हो गया.
ये पाँच दिवसीय टेस्ट मैचों का एक बेहद ख़राब उदाहरण है.
ये उनके लिए बेहद नुक़सानदायक है जो स्टेडियम के बाहर स्टॉल्स लगाते हैं और ब्रॉडकास्टर की भी दो दिन की कमाई मारी गई.
जानकार कहते हैं कि रविवार को क्रिकेट दिखाने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है. लेकिन भारतीय टीम का हालिया टेस्ट मैच तो रविवार तक पहुँचा ही नहीं.
क्रिकेट समीक्षक विजय लोकपल्ली कहते हैं कि "सबसे बड़ी बात ये रही कि इस टेस्ट मैच का कोई स्तर ही नहीं था."
इन दिनों भारतीय टीम वेस्ट इंडीज़ टीम के साथ दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ खेल रही है. पहला मैच भारतीय टीम जीत चुकी है.
लेकिन खेल समीक्षकों के अनुसार ज़्यादा बड़ा सवाल ये है कि हाल ही में इंग्लैंड के हाथों पाँच टेस्ट मैचों की सिरीज़ 4-1 से हारने वाली भारतीय क्रिकेट टीम, क्या वेस्ट इंडीज़ के साथ खेलकर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ होने वाली टेस्ट सिरीज़ की तैयारी कर रही है.
और क्या वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ खेलकर वाकई टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कोई फ़ायदा मिलेगा?
भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि वो ऑस्ट्रेलियाई मैदानों पर ऑस्ट्रेलिया की टीम के ख़िलाफ़ आज तक कोई टेस्ट सिरीज़ नहीं जीत सके हैं.
विजय लोकपल्ली कहते हैं कि ये सिरीज़ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ तैयारी के लिए तो नहीं है.
वो कहते हैं कि अपने घर में वेस्ट इंडीज़ को हराना, कंगारुओं से ऑस्ट्रेलियाई मैदान में भिड़ने की तैयारी बिल्कुल नहीं हो सकती. वहाँ के हालात, मौसम और पिच, सभी एकदम अलग होते हैं.
वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम वेस्ट इंडीज़ से कहीं बेहतर है. भले ही भारत ने आज तक ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सिरीज़ नहीं जीती है लेकिन अब ये कारनामा करने का भारत के पास एक अच्छा मौक़ा है.
पर क्या ये मौक़ा इंग्लैंड में नहीं था? जहाँ भारतीय टीम कोई करिश्मा नहीं दिखा पाई.लांकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैच ऐसे भी थे जिनमें दोनों टीमों के बीच बेहद क़रीबी का मामला रहा था और भारत इसमें हार गया था.
लोकपल्ली कहते हैं, "घर में वेस्ट इंडीज़ तो क्या किसी भी टीम से खेलकर ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने की तैयारी नहीं हो सकती. इसके लिए भारत को ऑस्ट्रेलिया जाकर पहले दो या तीन अभ्यास मैच खेलने होंगे."
तो क्या जो टीम वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ खेल रही है, क्या वही टीम ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सिरीज़ भी खेलेगी? और अगर कुछ बदलाव होने है तो वो बदलाव अभी क्यों नहीं हुए?
इसपर विजय लोकपल्ली का कहना है कि "इस टीम में अधिक बदलाव की ज़रूरत नहीं है. बल्लेबाज़ तो कहेंगे कि हम तो अपनी फ़ॉर्म को टेस्ट कर रहे हैं. तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा चोटिल हैं, भुवनेश्वर को आराम दिया गया है. तीनों स्पिनर आर अश्विन, रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव ऑस्ट्रेलिया जाएंगे ही."
"वहीं विकेट कीपर ऋषभ पंत का खेलना भी तय है क्योंकि ऋद्धिमान साहा शायद अभी भी पूरी तरह फ़िट नहीं हैं."
भारत के पूर्व ऑल-राउंडर मदन लाल भी इस मामले में विजय लोकपल्ली से सहमत दिखे.
उन्होंने कहा, "ईशांत शर्मा बेहद अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ हैं और ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर उन्होंने दमदार प्रदर्शन भी किया है."
सलामी जोड़ी को लेकर मदन लाल का मानना था कि मुरली विजय तकनीकी रूप से बेहद सक्षम खिलाड़ी हैं और शायद उन्हें कुछ और मौक़े मिलने चाहिए थे.
विजय लोकपल्ली भी मानते हैं कि ऐसा कोई विशेष खिलाड़ी नहीं है जो छूट रहा है. भारत ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए अपने खिलाड़ी चुन रखे हैं, वह दिमाग़ी रूप से तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ खिलाड़ियों को वहाँ के अनुरूप ढलने के लिए 15 दिन पहले जाना चाहिए.
अब एक सवाल खड़ा होता है कि क्या मुरली विजय और शिखर धवन की टेस्ट टीम में वापसी मुश्किल है?
विजय लोकपल्ली के अनुसार मुरली विजय कह रहे हैं कि चयनकर्ताओँ ने उनसे कोई बात नहीं की. शिखर धवन ने तो ख़ैर कुछ कहा ही नहीं. वैसे ऑस्ट्रेलिया की पिचें शिखर धवन को भाती हैं. वो बदक़िस्मत रहे कि इंग्लैंड में वो रन नहीं बना सके. जबकि दुबई में एशिया कप में उन्होंने काफ़ी रन बनाए. उनके बारे में ये कहना ग़लत है कि वो लाल गेंद के मुक़ाबले सफेद गेंद से अच्छा खेलते हैं. वो टेस्ट मैच के खिलाड़ी नहीं हैं, ये भी ग़लत है.

विजय लोकपल्ली को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के बाउंसी विकेट शिखर धवन के लिए बेहतर साबित होंगे क्योंकि वह कट और पुल शॉट शानदार खेलते हैं. मुरली विजय को दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड में पूरा मौक़ा दिया गया. पर वो नाकाम रहे. हालांकि उनके बाहर होने से कोई आश्चर्य नहीं हुआ. अब किस आधार पर उनकी वापसी हो, ये तो देखना पड़ेगा.
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में 21 नवंबर से 25 नवंबर तक तीन टी-20 और उसके बाद 6 दिसंबर से चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ खेलेगी.
वहीं भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 12 जनवरी से तीन वनडे मैचों की सिरीज़ खेली विजय लोकपल्ली कहते हैं, "ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ में के एल राहुल के साथ पृथ्वी शॉ को थोड़ा भरोसा देना होगा. पृथ्वी शॉ क्योंकि युवा हैं इसलिए टीम मैनेजमेंट ने उनसे बात भी की होगी कि अगर वो नाकाम भी होते हैं तो उन्हें कोई चिंता नहीं करनी चाहिए."
उन्होंने कहा, "ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि भारत को एक ज़बरदस्त बल्लेबाज़ मिला है. उनके पास तकनीक, शॉट्स और टैंपरामेंट तीनों हैं. अब मुरली विजय और शिखर धवन में से कौन टेस्ट टीम में होगा ये चयन समिति पर है."
पिछली बार साल 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ में भारत 2-0 से हारा था.

Monday, October 1, 2018

गर्व से कहो हम हिंदू हैं और हमें कोई चिंता नहीं'

आज के भारत में ये सवाल सियासत से परे नहीं है लेकिन ये सच है कि आर्यों को लेकर कोई एक राय नहीं है.
बीसवीं सदी तक माना जाता रहा कि इंडो-यूरोपीय भाषा बोलने वाला ये समूह मध्य एशिया से तकरीबन 2000-1500 ईसा पूर्व भारत आया होगा.
मतभेद इस बात पर रहा कि ये लोग हमलावर थे या फिर फिर भोजन के बेहतर मौके तलाशने वाले घुमंतु. पिछले 2 दशकों में आर्यों को भारतीय का मूल निवासी बताने वाली थ्योरी ने भी ज़ोर पकड़ा है.
ब्रिटेन की हडर्सफील्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्टिन पी रिचर्ड्स की अगुवाई में 16 वैज्ञानिकों के दल ने सच जानने के लिए मध्य एशिया, यूरोप और दक्षिण एशिया की आबादी के वाई-क्रोमोज़ोम का अध्ययन किया. वाई-क्रोमोज़ोम सिर्फ पिता से पुत्र को मिलता है.
इस शोध के मुताबिक कांस्य युग (3000-1200 ईसा पूर्व) में पलायन करने वालों में ज़्यादातर पुरुष होते थे.
पिछले साल मार्च में छपे इस रिसर्च पेपर ने लिखा है, 'हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि स्त्रियों के जीन्स लगभग पूरी तरह देसी हैं और 55 हज़ार पहले यहां बसे पहले इंसानों से काफी मेल खाते हैं लेकिन पुरुषों के जीन्स अलग हैं जिनका ताल्लुक दक्षिण-पश्चिम एशिया और मध्य एशिया से रहा है.'
हालांकि शोध का दावा है कि पलायन का ये सिलसिला हज़ारों साल तक चला होगा.
अगर आर्य वाकई मध्य एशिया के कैस्पियन सागर के आसपास घास के मैदानों से निकलकर दक्षिण एशिया आए होंगे तो बहुत मुमकिन है कि उनका रास्ता गिलगित-बल्टिस्तान से होकर गुज़रा हो.
गैलसन भी ब्रोकपाओं के डीएनए की जांच के लिए कोशिश कर रहे हैं.
उनका भी मानना है कि इस विषय पर अभी और पड़ताल की ज़रूरत है. 'आर्यों की ऐतिहासिक छवि विजेताओं की रही है. यही वजह है कि आज के ब्रोकपा युवाओं में इस पहचान को लेकर उत्साह बढ़ा है लेकिन हम मानते हैं कि इस दावे की और ज़्यादा खोजबीन की ज़रूरत है.'
इंटरनेट के आने के बाद ब्रोकपाओं की इस पहचान ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींचा है. इन गांवों में जर्मन महिलाओं के 'शुद्ध आर्य बीज' की चाह में यहां आने के किस्से मशहूर हैं.
साल 2007 में फिल्मकार संजीव सिवन की डॉक्यूमेंटरी में एक जर्मन महिला कैमरे पर ये बात स्वीकार करती सुनी जा सकती है.लेकिन बटालिक में दुकान चलाने वाले इस समुदाय के एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'एक जर्मन महिला ने कई साल पहले मुझे लेह के होटलों में अपने साथ रखा. गर्भवती होने के बाद वो महिला जर्मनी वापस लौट गई. कुछ साल बाद वो अपने बच्चे के साथ मिलने वापस भी आई थी.'रोकपाओं की मौजूदा पीढ़ी में पढ़ाई पर ख़ासा ज़ोर है. लड़कियों को पढ़ने और करियर बनाने के लिए बराबरी के मौके मिलते हैं लेकिन नौकरियां सीमित हैं.
कमाई का सबसे बड़ा ज़रिया या तो खुबानी की बाग़वानी या फिर सेना और बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन से मिलने वाली मज़दूरी है.
बिजली अब भी सुबह-शाम सिर्फ एक घंटे रहती है. लेकिन जैसे-जैसे सैलानियों की आमद बढ़ रही है, तरक्की के नए रास्ते भी खुल रहे हैं.
मोबाइल की पैठ बढ़ने के साथ ब्रोकपा नौजवानों ने सरहद पार गिलगित के नौजवानों के साथ सोशल मीडिया के ज़रिए संपर्क भी कायम किया है.
ल्हामो बताती हैं, 'वो लोग भी हमारी भाषा में बात करते हैं और गर्व से कहते हैं कि वो आर्य हैं,'
आज की पीढ़ी के कई ब्रोकपाओं से हमने पूछा कि वो अपने गांवों में ही रोज़गार को प्राथमिकता देंगे या मौका मिलने पर किसी शहर में बसना पसंद करेंगे. हमें उत्तर मिला-जुला मिला.
गैलसन के लफ्ज़ों में 'रोज़ी-रोटी के साथ ही अपनी टपहचान' को बचाए रखना आज हमारे लिए सबसे बड़ा मसला है.'
21वीं सदी के इन शुद्ध आर्यों की जंग रियासतों के लिए नहीं, रोज़गार के लिए है. लेकिन अगर ये पहचान गंवाकर मिली तो इस जंग में जीत अधूरी ही रहेगी.

Wednesday, September 19, 2018

मेरे पति को इसलिए मारा गया क्योंकि वो मेरी जाति के नहीं थे’

प्रणय एक मां की तरह मेरा ख़्याल रखता था. वह मुझे नहलाता था, खिलाता था और मेरे लिए खाना बनाता था. वह मेरी ज़िंदगी और दिनचर्या का हिस्सा था."
यह कहना है 21 वर्षीय अमृता वर्षिनी का जिनके पति की उनके सामने गर्दन पर वार करके हत्या कर दी गई थी.
चार दिन पहले नलगोंडा (तेलंगाना) के मिरयालागुडा शहर में 24 वर्षीय प्रणय पेरुमल्ला की तब हत्या कर दी गई थी जब वह अपनी गर्भवती पत्नी का चेकअप कराकर अस्पताल से बाहर आ रहे थे.
प्रणय पेरुमल्ला की हत्या कथित तौर पर कॉन्ट्रेक्ट किलर ने की थी जिसकी सुपारी उनकी पत्नी अमृता के परिजनों ने दी थी.
नलगोंडा के पुलिस अधीक्षक ए.वी. रंगनाथ ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर बताया कि अमृता के पिता मारुति राव, उनके क़रीबी करीम, असग़र, भारी, सुभाष शर्मा, अमृता के चाचा श्रवण और उनके ड्राइवर को प्रणय की हत्या और उसकी साज़िश के मामले में गिरफ़्तार किया गया है.रणय की हत्या की पूरी साज़िश के बारे में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसके लिए एक करोड़ रुपये का सौदा हुआ था. अमृता के पिता के निर्देश पर करीम नाम के शख़्स ने असग़र अली, भारी और सुभाष शर्मा से संपर्क किया. पुलिस
ने बताया कि अभियुक्त असग़र अली और मोहम्मद भारी नलगोंडा के निवासी हैं और हिरेन पंड्या की हत्या मामले में भी अभियुक्त हैं.
9 अगस्त से इसको लेकर रेकी की जा रही थी.
पुलिस ने सार्वजनिक किया है कि प्रणय पर हमले की पहली कोशिश 14 अगस्त, दूसरी सितंबर के पहले हफ़्ते और आख़िरी 15 सितंबर को दोपहर 1.30 बजे की गई और उनकी हत्या कर दी गई.
पुलिस अधीक्षक ने कहा, "जांच के दौरान लड़की के पिता ने कहा कि प्रणय अनुसूचित जाति से था, उसने ठीक से पढ़ाई नहीं की थी और मध्यम वर्ग के परिवार से संबंध रखता था."
बीबीसी ने अमृता से उनके ससुराल में मुलाक़ात की. पांच महीने की गर्भवती अमृता दुर्बल नज़र आती हैं, लेकिन चेहरे पर उनके साहस है. रोने के बाद ख़ुद को हिम्मत बंधाते हुए वह कहती हैं कि वे दोनों बचपन से एक-दूसरे को प्यार करते थे.
अमृता ने प्रणय और ख़ुद की बचपन की एक फ़ोटो फ़ेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "बचपन के प्यार से शादी करने से कुछ भी बेहतर नहीं है. हमेशा साथ रहने के लिए पैदा हुए."
बेचैनी से अपने फ़ोन को दूर करते हुए वह अपने बेडरूम के दरवाज़े पर नज़रें गड़ाकर देखती हैं जहां से कमरे में लोग आ जा रहे हैं. अमृता अपने ख़्यालों में खोई नज़र आती हैं.रणय से वह कैसे मिलीं? इस सवाल पर उनके चेहरे पर एक हल्की-सी मुस्कान आती है और वह कहती हैं, "स्कूल में वह मुझसे एक साल सीनियर थे. हम हमेशा एक-दूसरे को पसंद करते थे. मैं नौवीं क्लास में थी और प्रणय 10वीं क्लास में थे. हमारा प्यार तब शुरू हुआ था. हम फ़ोन पर बहुत अधिक बात करते थे."
वह धीरे-धीरे अपना हाथ पेट पर ले जाती हैं और कहती हैं कि यह बच्चा हमारे प्यार का प्रतीक रहेगा. "मुझे ख़ुशी है कि कम से कम मेरे पास मेरा बच्चा है. यह बच्चा प्रणय को मेरे पास रखेगा जैसे वह हमेशा था."
अमृता कहती हैं, "हमें एक-दूसरे के लिए भागना पड़ा."
अमृता और प्रणय की कहानी ऐसी नहीं है कि वह एक-दूसरे से मिले और ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे. उन्हें एक-दूसरे से शादी से पहले धमकियों और शारीरिक यातनाओं का सामना करना पड़ा.
अमृता कहती हैं, "यह बेहद छोटा शहर है. तो यह बहुत सामान्य बात है कि मेरे परिजनों को हमारे रिश्ते के बारे में पता चल गया. मेरे परिजनों ने मुझे चेतावनी दी. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं प्रणय से कभी भी न मिलूं, लेकिन यह सब मुझे नहीं रोक सका."
"मैंने उनकी जाति या आर्थिक स्थिति नहीं देखी थी. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण था कि हम एक-दूसरे को प्यार करते हैं और अच्छे से समझते हैं."
अमृता जब इंजीनियरिंग में दूसरे वर्ष की छात्रा थीं तब दोनों ने अप्रैल 2016 में पहली बार शादी की. हालांकि, उन्होंने शादी का पंजीकरण नहीं कराया था. उनके परिजनों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने अमृता को कमरे में बंद कर दिया था.
अमृता साहस के साथ कहती हैं, "मेरे चाचा ने प्रणय को धमकी दी थी. उन्होंने डम्बल से मुझे मारा. यह सब मेरी मां और तकरीबन 20 रिश्तेदारों के सामने हुआ. कोई भी मेरे साथ नहीं खड़ा हुआ. मुझे कमरे में बंद कर दिया गया. वह चाहते थे कि मैं प्रणय को भूल जाऊं क्योंकि वह अनुसूचित जाति से है."
"बचपन में मेरी मां दूसरी जाति के दोस्त बनाने के लिए मुझे हतोत्साहित करती थीं. मुझे कमरे में बंद रखा जाता था और हर दिन कुछ अचार और चावल ही खाने के लिए दिया जाता था. प्रणय को मैं भूल जाऊं इसलिए मेरे चाचा मुझे मारते थे और धमकी देते थे. उन्होंने मेरी पढ़ाई बंद करा दी. मेरे पास प्रणय से बात करने के लिए कोई रास्ता नहीं था."
उस समय के बाद अमृता ने प्रणय को तभी देखा जब उन्होंने 30 जनवरी 2018 को आर्य समाज मंदिर में दोबारा शादी की.
वह कहती हैं, "मुझे स्वास्थ्य समस्याएं होती थीं तो मैं डॉक्टर या अस्पताल के किसी स्टाफ़ का फ़ोन लेकर प्रणय से बात करती थी. वह कुछ लम्हे हमारे प्यार को आगे बढ़ा रहे थे. हमने आख़िरकार आर्य समाज मंदिर में शादी करने का फ़ैसला किया ताकि हमारे पास शादी का कोई दस्तावेज़ हो. हम दोनों ने अपने प्यार के लिए लड़ने का फ़ैसला किया."
प्रणय के परिवार को शादी की कोई जानकारी नहीं थी. शादी के बाद यह जोड़ा सुरक्षा के लिहाज से हैदराबाद चला गया.
अमृता बताती हैं, "हम डेढ़ महीने तक हैदराबाद में रहे, लेकिन मेरे पिता ने हमारी जानकारी के लिए कुछ गुंडों को भेजा. इस वजह से हम प्रणय के घर में मिरयालागुडा रहने चले आए हमने सोचा की परिवार के पास रहने से हम सुरक्षित रहेंगे."
"हमारी योजना थी कि हम उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाएंगे और इसी बीच मैं गर्भवती हो गई. यह हमारे लिए सबसे अच्छा क्षण था."
"जब तक बच्चा नहीं हो जाता तब तक हमने यहीं रुकने का फ़ैसला लिया. बच्चा होने के बाद पढ़ाई के लिए हम कनाडा जाने की पूरी व्यवस्था कर रहे थे."
अमृता कहती हैं कि उनके गर्भवती होने की ख़बर ने उन्हें उम्मीद और ख़ुशी दी. हालांकि, बच्चे के लिए वे कुछ ज़्यादा ही युवा थे, लेकिन प्रणय ने अपने परिजनों को बताया कि बच्चा अमृता के परिजनों के ख़िलाफ़ मज़बूती से खड़े होने में मदद करेगा.

Thursday, September 13, 2018

अरबाज की गणेश पूजा होगी खास, खान परिवार से मिलेंगे गर्लफ्रेंड के पिता

अरबाज खान और मलाइका अरोड़ा के तलाक के बाद पर्सनल लाइफ में अरबाज अब काफी आगे निकल चुके हैं. प‍िछले द‍िनों उन्हें गर्लफ्रेंड जॉर्जिया एंड्रियानी के साथ कई मौकों पर स्पॉट किया गया था. खबरें ये भी आ रही हैं कि अरबाज अपना र‍िलेशन जल्द ऑफ‍िश‍ियल भी करने वाले हैं. स्पॉटबाय की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक गर्लफ्रेंड जॉर्जिया एंड्रियानी के प‍िता इटली से अरबाज खान और परिवार से मिलने गैलेक्सी अपार्टमेंट आने वाले हैं. र‍िपोर्ट के मुताब‍िक गणेश चतुर्थी के खास मौके पर सलमान खान के घर गणपति बाप्पा का आगमन होने जा रहा है. ऐसे में अरबाज खान ने अपनी गर्लफ्रेंड जॉर्जिया और उनके पिता को स्पेशल न्योता देकर बुलाया है. अरबाज चाहते हैं कि फेस्टिवल के मौके पर गर्लफ्रेंड जॉर्जिया का पर‍िवार खान परिवार के साथ समय बिताए. अरबाज खान और जॉर्ज‍िया के पर‍िवार का इस तरह मिलना ये साफ इशारा कर रहा है कि दोनों अपने र‍िश्ते को आगे ले जाना चाहते हैं. अरबाज और मलाइका ने पिछले साल मई में तलाक ले लिया था. लेकिन अभी भी दोनों दोस्तों की तरह मेलजोल बनाए हुए हैं. ग गुरू स्वामी रामदेव के संस्थान 'पतंजलि' ने लगातार अपने दायरे को बढ़ाया है. गुरुवार से पतंजलि ने अब दूध, दही, छाछ और पनीर की इंडस्ट्री में भी कदम रख दिया है. योगगुरु रामदेव ने गुरुवार को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इसका ऐलान किया.
योगगुरु रामदेव ने आज कुल पांच नए प्रोडक्ट को लॉन्च किए. रामदेन ने इस मौके पर ऐलान किया कि इस साल दिवाली पर पतंजलि के कपड़े के प्रोडक्ट लॉन्च होंगे. उन्होंने कहा कि कपड़ों में जींस, शर्ट, पैंट, कमीज़, साड़ी, जूते, चप्पल सब कुछ मिलेगा. बता दें कि रामदेव की कंपनी पतंजलि इससे पहले फुटकर सामान, घरेलू सामान की इंडस्ट्री में अपना दबदबा मनवा चुकी है.
लॉन्च के दौरान रामदेव ने कहा कि बीकानेर और शेखावाटी क्षेत्र से दूध लिया जा रहा है, हम यहां के किसानों से दूध ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि पतंजलि गाय का शुद्ध दूध 40 रुपए प्रति लीटर के दाम से मिलेगा. शुक्रवार से ही 4 लाख लीटर दूध बाजारमें उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि इससे करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
अब दूध प्रोडक्ट्स की इंडस्ट्री में आने के साथ ही रामदेव का सीधा मुकाबला अमूल और मदर डेयरी जैसी बड़ी कंपनियों से होगा. पंतजलि की आयुर्वेदिक दवाइयां, टूथपेस्ट, मसाले आदि मार्केट में अपनी मजबूत जगह बना चुके हैं. पतंजलि का टर्नओवर भी पिछले कई सालों में लगातार बढ़ा है. जतक' के शो 'सीधी बात' में इस बार योग गुरु बाबा रामदेव ने सीधे सवालों का सामना किया. उन्होंने पीएम मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक से जुड़े सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. रामदेव ने कहा कि उनके संबंध सभी दलों से बेहतर हैं, चाहें वो बीजेपी हो या कांग्रेस. रामदेव ने केंद्र सरकार की नीतियों, खामियों और 2019 के चुनाव में समर्थन पर भी बात की.
मोदी कर रहे अच्छा काम जो दिख रहा
शो की शुरुआत में सवाल किया गया कि क्या सरकार योग कर रही है? इस पर रामदेव बोले ये राजयोग है और राजयोग में कुछ राजरोग भी होते हैं. लेकिन मोदी और उनके मंत्री काफी अच्छा काम कर रहे हैं. ये जो बोलते हैं वो करते भी हैं और दिख भी रहा है.
ट्रंप से लेकर पुतिन तक करे हैं पीएम का सम्मान
रामदेव ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे पीएम हैं, जिनका सम्मान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन और जापान और चीन के राष्ट्राध्यक्ष भी करते हैं. पीएम मोदी जहां खड़े होते हैं, वह देश के सवा सौ करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
जीएसटी से काफी व्यापारी हैं नाराज
सरकार के कामकाज पर रामदेव ने कहा कि सरकार ने सड़कों का जाल बिछाया, एक देश-एक टैक्स के लिए जीएसटी लागू किया. टैक्स पारदर्शिता लाने का पहला चरण पार किया. जीएसटी से काफी व्यापारी नाराज हैं, लेकिन शुरुआत में कुछ परेशानियां तो उठानी पड़ती हैं. हालांकि अब हम उससे भी उबर चुके हैं.
मैं किसी के लिए कैंपेन नहीं कर रहा
2014 की तरह ही क्या 2019 में भी रामदेव बीजेपी का समर्थन या फिर उसके लिए प्रचार करेंगे? इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि मैं किसी के लिए कैंपेन नहीं कर रहा हूं, लेकिन पीएम मोदी की नीयत और नेतृत्व देश के भले के लिए है. मोदी जी से लोगों की अपेक्षाएं भी ज्यादा हैं. इसमें मोदी जी कितने खरे उतरेंगे, यह देखना होगा. मेरी तो कामना है कि वह अपने अभियान में सफल हों. मैं भी अच्छे कामों का समर्थन करता हूं, क्योंकि राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित और राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है.
सरकार की सबसे अच्छी योजना के सवाल पर रामदेव ने कहा कि उज्ज्वला योजना चार साल में केंद्र सरकार की सबसे अच्छी योजना है. गरीबों की मां की आंखों में रोटी बनाते समय आंसूं होते थे. 7-8 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिला है. अभी आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं हुई है, लेकिन इसका फायदा 50 करोड़ लोगों को मिलेगा. इसलिए यह योजना भी अहम है.
सबसे बुरी योजना पर नहीं लिया नाम
सरकार की सबसे खराब या बुरी योजना के सवाल पर रामदेव ने कहा कि मोदी जी बुरा क्यों चाहेंगे, लेकिन कुछ बाते हैं. वैसे मैं संन्यासी हूं और लाभ-हानि के लिए काम नहीं करता. हमने 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की चैरिटी की है. लाखों लोगों को नौकरियां दीं. नोटबंदी और जीएसटी के बाद थोड़ा झटका लगा.
किसानों और दलितों की नाराजगी
सरकार की कमी के सवाल पर रामदेव ने कहा कि किसान नाराज हैं, लेकिन मोदी जी ने कहा है कि वह किसानों की आय दोगुना करेगी. दलितों की सरकार से नाराजगी के मामले पर रामदेव ने कहा कि इसमें सरकार की कोई गलती नहीं है. SC-ST एक्ट वाला फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. हां, सरकार को इस पर तुरंत अध्यादेश लाना चाहिए था. कह सकते हैं कि इसमें देर हुई. अगर उसको ठीक से टैकल कर लेते तो गलतफहमी नहीं होती. लोगों में भ्रम पैदा कर दिया कि मोदी जी दलित विरोधी हैं. मोदी जी की योजनाएं दलितों और वंचितों के लिए ही हैं, उन्हें जरूरतमंदों के बीच नहीं पहुंचाया जा सका.
बीजेपी में सभी समूहों का प्रतिनिधित्व नहीं दिखता
रामदेव ने कहा कि मैं जातिमुक्त भारत देखना चाहता हूं, मोदी जी भी यही चाहते हैं. वर्षों से जो लोग वंचित रहे उनके बीच में भ्रांतियां फैलीं. ये बीजेपी की वैचारिक समस्या है या पता नहीं क्या है कि इसमें सभी समूहों का प्रतिनिधित्व नहीं है, जैसा दूसरे दलों में दिखता है. मुझे लगता है कि वर्ग विशेष जैसे आदिवासी या दलित का प्रतिनिधित्व नहीं दिखता है. जाट-दलित-यादव-गूजर आदि अपना प्रतिनिधित्व किसी चेहरे में देखें, ऐसा नहीं दिखता है. ये शायद कमी रही.
काले धन पर देश के बाहर भी कदम उठाने की जरूरत
रामदेव को 2014 से पहले दिया उनका बयान कि काला धन वापस आ जाए तो पेट्रोल 30 रुपये लीटर हो जाएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सच है और मैंने मोदी जी से भी बोला था इस बात को. पेट्रोल-डीजल जितना महंगा बिकता है, उतना महंगा क्रूड ऑयल नहीं है. सरकार को इससे रेवैन्यू बहुत आता है. रेवैन्यू दो ही चीजों से ज्यादा मिलता है- शराब से और पेट्रोल से. सरकार को काम भी करना है, शायद इसलिए वह पेट्रोल और डीजल से ही सारी कमाई करना चाहती है. देश के अंदर के काले धन पर तो सरकार ने काम किया है, लेकिन देश के बाहर के काले धन पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है.
2019 में एकतरफा लड़ाई नहीं, बीजेपी को करना होगा संघर्ष
रामदेव ने कहा कि मैं राजनीतिक रूप से सर्वदलीय और निर्दलीय हूं. मैं अराजनीतिक हूं लेकिन मौन नहीं हो सकता. हालांकि मैं देखता हूं कि एक तरफ मोदी जी और एक तरफ विपक्ष- ये लोकतंत्र के लिए अच्छा है. लोकतंत्र तभी अच्छा होता है, जब सत्ता और विपक्ष में बराबर टक्कर हो. पहले ये कहा जाता था कि 2019 की छोड़ दो 2024 की सोचो, लेकिन अब  के लिए भी सोचना पड़ रहा है. मैंने तो संघर्ष का जीवन जिया है तो बीजेपी वाले दोस्तों को भी संघर्ष करना चाहिए.
जिसमें योग्यता है, उसकी बड़ाई करने में बुराई नहीं
रामदेव राजनैतिक तौर पर कई बार निष्पक्ष बातें करते हैं. चंद्रबाबू नायडू की तारीफ कर चुके हैं. इस पर रामदेव ने कहा कि उनमें टैलेंट है, हालांकि वह आज एनडीए में नहीं हैं. मैं उनकी योग्यता को नहीं भुला सकता हूं. जो अच्छा कर रहा है, उसकी बड़ाई क्यों नहीं करना. बीजेपी और शिवसेना के आपस में अच्छे संबंध नहीं हैं, लेकिन उद्धव जी के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं.
कांग्रेस में 99 प्रतिशत लोगों से मेरे अच्छे संबंध
रामदेव ने कहा कि कांग्रेस के 99 फीसदी लोगों से भी मेरे अच्छे संबंध हैं. बचे हुए 1 प्रतिशत कौन हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बाकी 1 फीसदी में परसेप्शन की दिक्कत है. राहुल जी या सोनिया जी से भी मेरा कोई झगड़ा नहीं है. मैं तो गांव का आदमी हूं. हमारा उनसे खानदानी विरोध नहीं है. लालू जी के बेटे की शादी हुई तो मेरा कैंप चल रहा था. मैं वहां जाकर आशीर्वाद दे आया. नीतीश जी से भी मेरे अच्छे संबंध हैं. ममता जी की भी मैंने एक-दो अच्छी बातों की तारीफ की तो लोगों को लगा कि बाबा जी को ममता पर इतनी ममता क्यों आ रही है. ऐसा कुछ भी नहीं है.
दो ताकतवर लोगों की लड़ाई में मैं क्यों बीच में जाऊं?
अखिलेश जी से मेरा पुराना प्रेम है. वह संस्कारी व्यक्ति हैं, लेकिन वह बीजेपी से लड़ रहे हैं. वह व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छे हैं. जब दो ताकतवर लोग लड़ रहे हैं तो मैं उनके बीच में जाकर अपना नुकसान क्यों करवाऊं? ये उनकी राजनीतिक लड़ाई है. लेकिन देश हित की बात होगी तो मैं अच्छी नीतियों वालों के साथ हूं. जो देश के लिए काम करेगा, मैं उसके साथ हूं.
योगी के सवाल पर टाल गए जवाब
बीजेपी का सबसे अलग मुख्यमंत्री कौन है और यूपी के सीएम योगी कैसे सीएम हैं, इस सवाल पर रामदेव ने सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि आपका कार्यक्रम तो ‘सीधी बात’ है, लेकिन आजकल सीधी बात करने का जमाना नहीं रहा. आजकल समय बहुत खतरनाक है. अब डिप्लोमैटिक बात भी नहीं कर सकते. पहले मैं सोचता था कि डिप्लोमैटिक बातें नहीं करनी चाहिए. मैंने सारी दुनिया घूमी तो देखा कि सब जगह सरकार के डिप्लोमैट होते हैं. इस बात में मैं डिप्लोमैटिक बात भी नहीं कर सकता. एक का नाम लूंगा तो बाकी कहेंगे कि हम भी तो अच्छा काम कर रहे हैं.
बचपन से आज तक मैंने धारा के विपरीत काम किया
संन्यासी होने के बावजूद व्यापार के सवाल पर रामदेव ने कहा कि बचपन से मैंने आज तक धारा के विपरीत काम किया है. जिस गांव में मैं पैदा हुआ वहां 1000 साल में कोई साधु नहीं बना. मैंने वेदों की भ्रांतियां भी तोड़ी कि वेद सिर्फ ब्राह्मण ही पढ़ेंगे. मैंने विदेशी कंपनियों को चुनौती दी. हालांकि मेरे काम पर कई प्रश्न हुए, लेकिन कोई ये नहीं कह सकता कि मैंने कोई गलत काम किया है. मेरे विरोधी भी इस बात की तारीफ करते हैं. रोजगार के सवाल पर उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख लोगों को हमने सीधे रोजगार दिया और करोड़ों किसानों को फायदा पहुंचाया और किसान पुत्र होने का धर्म निभाया.
पतंजलि का मकसद लाभ कमाना नहीं
2017-18 में भारत की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों की ग्रोथ 8 से 12 फीसदी के बीच रही, जबकि पतंजलि की नो-ग्रोथ रही, इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि हमारे रेट इन कंपनियों के रेट से आधे हैं. हमारा मकसद लाभ कमाना नहीं है. हमारा साबुन, नमक, शहद बाकियों से सस्ता है. नोटबंदी और जीएसटी से प्रेशर आया है, लेकिन जल्द ही सब ठीक हो जाएगा. 3000 तरह के कपड़े दीवाली तक लॉन्च हो जाएंगे. दिव्य जल आने वाला है. ब्रांड के रूप में पतंजलि का देश के लिए योगदान हमेशा बढ़ा हुआ मिलेगा.
पतंजलि के लिए देश बाजार नहीं परिवार है
देसी चीज को प्रोत्साहन देने के लिए हम सिम कार्ड लाए, स्वदेशी समृद्धि कार्ड लाए. सरकार भी ऐसा कार्ड नहीं ला सकी. मैंने बीएसएनएल से कोई पैसा नहीं लिया उनका प्रचार करने का. मैं तो स्वदेशी का ब्रांड एंबेसडर हूं. हमने देश को बाजार नहीं, परिवार मानकर काम किया.
वॉट्सऐप का बाप होगा किंभो ऐप
वॉट्सऐप का छोटा भाई आ गया है किंभो... इस पर रामदेव ने कहा कि छोटा नहीं बड़ा होगा होगा किंभो. 25 करोड़ लोगों ने इसके बारे में सर्च किया. गूगल प्ले स्टोर ने इसे क्यों हटाया इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने इसे हटाया. हमने अपने संगठन युवा भारती के 5-10 हजार लोगों के लिए इसका ट्रायल किया था. ये इतना वायरल हुआ कि करोड़ों हिट्स आ गए उस पर. मैंने कहा कि फिर से ट्रायल लेकर आएंगे. यह वॉट्सऐप का बाप बन सकता है. इसमें उससे अच्छे फीचर्स हैं.
...तो दुनिया का सबसे बड़ा स्वदेशी साम्राज्य हो जाएगा
मेरे पास कई विकल्प आते रहते हैं. अगर मैं सभी को स्वीकृति देता जाऊं तो दुनिया का सबसे बड़ा स्वदेशी साम्राज्य हो जाएगा. जितना संभलेगा, हम संभालेंगे. सबसे बड़ा काम एफएमसीजी को संभालना है. देश के लोगों ने हम पर भरोसा किया है. घी, तेल, दवाइयों पर भरोसा किया. हमारे पास 300 वैज्ञानिक हैं. एक प्रतिशत चीज ही हम आउटसोर्स करते हैं जैसे नमक.
आर्कबिशप का बयान राजनीति से प्रेरित
आर्कबिशप के संविधान के तानेबाने पर खतरे के बयान का रामदेव ने कहा कि ये सब राजनीतिक रूप से प्रेरित बयान है. मैंने इनका नाम पहली बार सुना है. इनका देश के लिए क्या योगदान है. ये राजनीति को नहीं समझते हैं. जो लोग राजनीति को समझते हैं, उन्हें ही ऐसे बयान देना चाहिए. हाल ही में यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के टेस्ट ट्यूब बेबी वाले बयान के सवाल पर रामदेव ने कहा कि अगर कोई राजनेता धर्म और अध्यात्म को समझता है तो ही उस पर बयान दे. नहीं तो वे मौन रहे तो अच्छा है.
मैं जिंदादिल आदमी, पर स्वभाव से संन्यासी
रामदेव का काला धन वाला आंदोलनकारी जिंदा है? इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि मैं एक जिंदादिल आदमी हूं, पर स्वभाव से संन्यासी हूं. मेरी आत्मा न मरी है न मरेगी. जो भी देश के लिए उचित होगा मैं बोलूंगा और करूंगा. योग के सवाल पर उन्होंने कहा कि योग को सिस्टम में शामिल करना चाहिए. सब लोग रोज सुबह योग करें. सदाचार जब तक नहीं बढ़ेगा, भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा. योग को सम्मान मिलना चाहिए.

Monday, September 10, 2018

बिहार में तीन की मौत मॉब लिंचिंग या बदले की कार्रवाई

बिहार के बेगूसराय ज़िले में शुक्रवार को भीड़ की पिटाई से तीन लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर ली है.
शुक्रवार को हुई मॉब लींचिंग की यह घटना छौड़ाही ओपी क्षेत्र की है. यहां के एएसआई आमोद कुमार के बयान पर शनिवार देर शाम प्राथमिकी दर्ज हुई है.
पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को नामजद किया और 150 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है. हालांकि मामले में अब तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
इसके साथ ही छौड़ाही ओपी के थानाध्यक्ष सिंटू कुमार झा को सस्पेंड कर दिया गया है. उन्हें घटना की सूचना मिलने के बाद भी समय पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में सस्पेंड किया गया है. बेगूसराय एसपी के मुताबिक एसएचओ अगर समय पर वारदात की जगह पर पहुंचते तो इस बड़ी घटना को टाला जा सकता था.

पुलिस के मुताबिक मुकेश महतो, श्याम सिंह और हीरा सिंह एक बच्ची के अपहरण की नीयत से ज़िले के नारायण पीपड़ गांव के एक सरकारी स्कूल पहुंचे थे. इस छात्रा की माँ अपनी एक दूसरी बेटी के साथ अपने मायके चली गई हैं.
पुलिस के मुताबिक छात्रा पहले से ही अपने ननिहाल में थी जबकि उसके पिता बाहर मज़दूरी करते हैं.
इसके बाद भीड़ ने इन तीनों की पिटाई की जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
ज़िला पुलिस के मुताबिक इस मामले में मारे गए लोगों में से किसी के परिजन की ओर से अब तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है. पुलिस ने तीनों मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए हैं.
मृतकों में से दो लोगों के गांव कुंभी और वारदात की जगह के बीच क़रीब दो किलोमीटर की दूरी है.
इस पर बीबीसी ने एसपी से पूछा कि घटना के बाद इलाके में क्या कोई तनाव है? जवाब में एसपी ने कहा, ''मैंने नारायण पीपड़ में तत्काल एक पुलिस पिकेट खोलने का आदेश दिया है. वैसे इलाके में कोई तनाव नहीं है. मारे गए लोग अपराधी थे. इनमें से एक चार दिन पहले ही छूट कर आया था. इनसे इलाके के लोग पहले से ही आहत थे क्योंकि ये सभी इसी इलाके में अपराध किया करते थे.''
स्थानीय लोगों ने भी फ़ोन पर बताया कि इलाके में तनाव नहीं है, लेकिन नारायण पीपड़ गांव के लोग एफ़आईआर में नाम आने की आशंका से दहशत में हैं. साथ ही शनिवार को वो सरकारी स्कूल भी बंद रहा जिसके अहाते में शुक्रवार को यह वारदात हुई थी.
अब पुलिस ने गांव में गश्ती के लिए 2 अफ़सरों सहित 10 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं.
बेगूसराय ज़िले के छौड़ाही पुलिस आउट पोस्ट क्षेत्र में हुई शुक्रवार की इस घटना का विवरण देते हुए एसपी आदित्य कुमार ने ये बातें बताईं, ''स्कूल की प्रिंसिपल नीमा कुमारी ने बताया कि तीन अपराधियों ने आकर उन पर बंदूक तान दी. बंदूक तानकर उन्होंने एक बच्ची के बारे में पूछा. इसके जवाब में प्रिसिंपल ने कहा कि वह बच्ची स्कूल नहीं आई है, आप उनके घर चले जाइए. इस पर अपराधियों ने प्रिसिंपल से ही बच्ची को बुलाने को कहा. इस दौरान उन्होंने बाकी बच्चों को वहां से भगा दिया. भागते बच्चों ने जब शोर मचाया तो भीड़ इकट्ठी हो गई.''
एसपी आदित्य कुमार ने आगे बताया, ''जब तक पुलिस पहुंची तब तक भीड़ इन तीनों की बुरी तरह से पिटाई कर चुकी थी. पुलिस के पहुंचने तक उनकी सांसें चल रही थीं. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया जहां उनकी मौत हो गई.''
पुलिस के मुताबिक स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका नीमा कुमारी से भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.
गांव के ही राम उदित भी एसपी आदित्य कुमार की इस बात की तस्दीक करते हैं कि कमरे में बंद श्याम और हीरा सिंह के ललकारने के कारण भी भीड़ का गुस्सा बढ़ा.
उन्होंने बताया, "दोनों ये कह रहे थे कि बच गए तो सबको भून के रख देंगे. इसके बाद भीड़ ने पहले कमरे में घुस कर उनको मारा और फिर बाहर निकाल कर भी उनकी पिटाई की."
पुलिस के मुताबिक मारे गए तीनों विशुद्ध अपराधी थे और इन पर आर्म्स एक्ट, छीनने के अपराध से लेकर हत्या तक के आरोप थे. पुलिस का कहना है कि मृतकों में से दो को जब एक कमरे में बंद कर दिया गया था तो वे बाहर निकलने पर भीड़ को देख लेने की धमकी देते हुए ललकार रहे थे. इससे भीड़ और उग्र हो गई और फिर उन्हें कमरे से बाहर निकालकर पीटा.
वहीं बिहार के पुलिस महानिदेशक केएस त्रिवेदी का कहना है कि शुक्रवार की घटना मॉब लिंचिंग है नहीं या नहीं, यह बहस का विषय है.
उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, ''मॉब लिंचिंग में कारण पता नहीं होता है, आदमी इनोसेंट होता है. कई बार गाय मारने आदि के नाम पर लोग हल्ला मचा देते हैं और फिर घटना घट जाती है. यह ऐसी घटना नहीं है. यह घटना रिएक्शन की है. हथियारबंद अपराधियों ने एक नाबालिग लड़की को किडनैप करने की कोशिश की. इसके रिएक्शन में लोगों ने उनको पीटा जिसमें उनकी मौत हो गई. अब आप समझें इसे क्या कहना है.''
नारायण पीपड़ के ग्रामीण भी बताते हैं कि मारे गए तीनों शख्स अपराधी प्रवृति के थे. जैसा कि एक गांव वाले राम उदित राय ने बताया, "कुछ दिनों पहले रंगदारी नहीं देने के कारण मुकेश महतो गांव आकर आधी रात को एक व्यक्ति की उसी के घर में पिटाई की थी. हाल के महीनों में गांव के आस-पास मोटरसाइकिल छीनने की वारदातों के पीछे भी मुकेश के गैंग का हाथ था. इन लोगों के कारण गांव की बहू-बेटियों का दूर खेत मे जाना मुश्किल हो गया था."

Thursday, August 30, 2018

...तो क्रैश हो जाता राहुल गांधी का विमान, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दिल्ली से हुबली जा रहे विमान में तकनीकी गड़बड़ी आई थी, जिस कारण विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. लेकिन डीजीसीए की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि
रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी खराबी पर पायलट काबू नहीं पाते तो अगले कुछ सेकंड में गंभीर परिणाम सामने आ सकता था, यहां तक की राहुल का विमान क्रैश भी हो सकता था.
उस दिन राहुल गांधी का चार्टर्ड विमान अचानक एक तरफ झुकने लगा था और उसमें से आवाज आ रही थी. विमान ऑटो पायलट मोड पर चल रहा था. हालांकि, इस घटना के बाद कांग्रेस ने इसे साजिश करार दिया था. राहुल के करीबी कौशल के विद्यार्थी ने कर्नाटक पुलिस को इसकी शिकायत की थी. इसी के बाद जांच के लिए एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने दो सदस्यीय जांच कमिटी बनाई थी. एक सीनियर डीजीसीए अधिकारी ने बताया कि, "शायद पायलट की गलती के कारण ऐसा हुआ होगा. विमान में कुछ गड़बड़ी आई और वो एक ओर तेजी से गिरने लगा. अचानक एल्टिट्यूड गिरने के
 
 कारण विमान आवाज करने लगा. डीजीसीए ने फ्लाइट डाटा रिकॉर्ड और कॉकपिट सिस्टम की भी जांच की है.   बताया जा रहा है कि विमान में जब गड़बड़ी आई तो क्रू ने इसे संभालने में देरी कर दी. अगर कुछ सेकेंड के भीतर गड़बड़ी दूर न की गई होती तो प्लेन क्रैश हो चुका होता. कांग्रेस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रही है.याद हो कि राहुल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के सिलसिले में 26 अप्रैल को सुपर लग्जरी 10 सीटर दसौल्ट फाल्कन 2000 विमान से नई दिल्ली से हुबली जा रहे थे. इस घटना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि वह अंदर से हिल गए थे. उस वक्त राहुल ने कैलाश मानसरोवर जाने की बात कही थी. अब राहुल गांधी 31 अगस्त को कैलाश मानसरोवर की धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. 
 
इमरान खान ने पाकिस्तान का पीएम बनते वक्त घोषणा की थी कि वह प्रधानमंत्री आवास का इस्तेमाल नहीं करेंगे, पीएम और मंत्र‍ियों पर होने वाले सरकारी खर्चों में कमी लाएंगे. हालांकि लगता ही वह इन वादों को 15 दिन भी याद नहीं रख सके.आपको बता दें कि 18 अगस्त को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. उस दिन से आजतक वह अपने पीएम आवास से अपने बानी गाला स्थि‍त घर हेलिकॉप्टर से जाते हैं. 
हालांकि सबसे चौंकाने वाली घोषणा उनके कैबिनेट में सूचना मंत्री का कार्यभार संभालने वाले फवाद चौधरी ने की. चौधरी ने एक इंटरव्यू के दौरान दावा किया गया कि इमरान खान द्वारा पीएम आवास से अपने बानी गाला स्थि‍त घर हेलिकॉप्टर से जाने में सिर्फ 55 पाकिस्तानी रुपये प्रति किमी का खर्च आता है. यह खर्च रोड से जाने से काफी कम है.
फवाद चौधरी के इस दावे के बाद सोशल मीडिया में इमरान खान के हेलिकॉप्टर से जाने और फवाद चौधरी के इस तरह के दावे करने का मजाक बनाया जाने लगा है. आपको बता दें कि यह दावा फवाद ने तब किया जब उनसे पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा अपने परिवार के साथ इस्लामाबाद जाने के लिए अपने प्राइवेट जेट का इस्तेमाल करने पर सवाल किए गए. चौधरी के अनुसार इमरान का यह अधिकार है कि वह पीएम को मिलने वाली सारी सुविधा का इस्तेमाल करें. सूचना मंत्री के अनुसार इमरान द्वारा हेलिकॉप्टर से जाने से लोगों को भी कोई दिक्कत नहीं होती है. आपको बता दें कि वर्तमान में पाकिस्तान के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं. चीन द्वारा दिए जा रहे कर्ज और अमेरिकी मदद से किसी तरह उसकी इकनॉमी चल रही है. ऐसे में उस देश के पीएम द्वारा जनता के पैसे की ऐसी फिजूलखर्ची सवाल का विषय बन गई है. सोशल मीडिया पर लोग जमकर इस पर अपनी राय दे रहे हैं.
 

Monday, August 27, 2018

आर्थिक संकट के बीच ईरान के श्रम मंत्री के बाद वित्त मंत्री पर महाभियोग

देश में जारी आर्थिक संकट के बीच ईरान की संसद ने वित्तमंत्री मसूद कर्बासियां को पद से हटा दिया है.
मसूद के ख़िलाफ़ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया जिसमें वो हार का सामना करना पड़ा. उनके पक्ष में 121 और विपक्ष में 137 वोट पड़े.
अविश्वास प्रस्ताव यह कहकर लाया गया था कि मसूद देश की बैंकिंग व्यवस्था, टैक्स नियमन और अर्थव्यवस्था को संभालने में असफल रहे हैं.
ईरान में पिछले दो हफ़्तों में दो मंत्रियों को महाभियोग के जरिए हटाया जा चुका है.
आठ अगस्त को देश के श्रम मंत्री अली रबेई को हटाया गया था.
राष्ट्रपति हसन रूहानी की सरकार ईरान में बढ़ती महंगाई और ईरानी मुद्रा रियाल की गिरती कीमत को काबू में करने के लिए संघर्ष कर रही है.
इस वक़्त रूहानी को न सिर्फ़ कट्टरपंथी बल्कि सुधारवादी धड़े की तरफ़ से भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
अमरीका ने इस साल मई महीने में ईरान पर साल 2015 में हटाए प्रतिबन्ध दोबारा लगा दिए थे जिसके बाद ईरान में वित्तीय संकट और बढ़ गया है.
समाचार एजेंसी तस्निम की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद ज़रीफ़ ने रविवार को अमरीका पर ईरान और इसके कारोबारी सहयोगियों के ख़िलाफ़ एक 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' छेड़ने का आरोप लगाया.
सुधारवादी धड़े के इलियास हज़राती भी अविश्वास प्रस्ताव में कर्बासियां के ख़िलाफ़ वोट करने वालों में शामिल थे. उन्होंने रूहानी सरकार पर प्रतिबन्धों के असर से निबटने की तैयारियों में नाक़ाम होने का आरोप लगाया.
हज़राती ने कहा, "हमने न तो उस वक़्त तैयारी की और न हम अब तैयार हैं. अभी हम जिस एक शख़्स को पद से हटा सकते थे वो वित्तमंत्री थे वरना तो राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया जाना चाहिए था."
इससे पहले जून में ईरान की राजधानी तेहरान में कारोबारियों ने ग्रैंड बज़ार में बढ़ते दामों और रियाल की गिरती क़ीमत के ख़िलाफ़ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था.
विरोध प्रदर्शन इतना आक्रामक हो गया था कि पुलिस को संसद की तरफ़ मार्च करते प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा था.
साल 2012 के बाद से यह राजधानी तेहरान में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था.
साल 2012 में ईरान की परमाणु गतिविधियों की वजह से उस पर अंततराष्ट्रीय स्तर पर पाबंदियां लगी थीं और तब भी ईरान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी.

Tuesday, August 14, 2018

काला धन, भ्रष्टाचार और बलात्कारियों की खैर नहीं: नरेंद्र मोदी

भारत अपने स्वतंत्रता दिवस की 72वीं सालगिरह मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से भाषण की प्रमुख बातें -
8.55 AM:मंजिल अपनी प्रत्यक्ष लिए हम तोड़ रहे हैं ज़ंजीरें
हम बदल रहे हैं तस्वीरें, ये नवयुग है ये नवभारत है
खुद लिखेंगे अपनी तकदीर, हम बदल रहे हैं अपनी तस्वीर
हम निकल पड़े हैं प्रण करके, अपना तन मन अर्पण करके
ज़िद है एक सूर्य उगाना है, अंबर से ऊंचा जाना है, एक भारत नया बनाना है. एक भारत नया बनाना है.
8.52: AM:चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व भारत करे, इसके लिए मैं अधीर हूं. देश अपनी क्षमता और संसाधनों का पूरा लाभ उठाए.
8.50 AM: हम कश्मीर में गोली और गाली से नहीं गले लगाकर आगे बढ़ेंगे.
8.48 AM: हिंसा से किसी का भला नहीं होगा. त्रिपुरा और मेघालय में आतंकवाद पर क़ाबू पाया गया. नस्लवाद पर तेज़ी से काबू पाया जा रहा है. आंतरिक सुरक्षा का एहसास कराया गया.
8.44 AM: संसद में तीन तलाक़ बिल को पारित नहीं होने दिया जा रहा था. संसद में क़ानून लाकर हमने मुस्लिम महिलाओं को राहत दी.
8.42 AM: बलात्कार से देश को मुक्त कराना होगा. पिछले दिनों मध्यप्रदेश के कटनी में पांच दिनों में बलात्कारियों को फ़ांसी की सज़ा सुनाई गई. राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ. इन ख़बरों को प्रचारित किया जाना चाहिए. इस मानसिकता, सोच, विकृति पर प्रहार करने की ज़रूरत है. महिलाओं के न्याय, हक़ को पूरा करने में मैं कोई कमी नहीं रखूंगा.मैं आज सशस्त्र सेना में महिलाओं को स्थाई सर्विस देने की घोषणा करता हूं.
8.37 AM: काला धन, भ्रष्टाचार को माफ़ नहीं करेंगे. चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं मैं इसे नहीं छोड़ूंगा. हमने भाई भतीजावाद को ख़त्म कर दिया है. तीन लाख संदिग्ध कंपनियों पर ताले लग गए हैं. आईटी तकनीक का उपयोग किया है. पर्यावरण की मंज़ूरी देने को पारदर्शी बनाया है. आज सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जज बैठी हैं. आज़ादी के बाद पहली कैबिनेट है जिसमें सर्वाधिक महिलाओं को स्थान मिला है.
8.32 AM: आज आप जब खाना खा रहे हैं तो उसी वक्त टैक्स देने वाले लोगों के पैसे से देश के तीन ग़रीब लोग भी खाना खा रहे हैं. इसका पुण्य सरकार को नहीं टैक्सदाताओं को जाता है. 2013 तक डायरेक्ट टैक्स देने वाले चार करोड़ थे. आज यह संख्या क़रीब करीब पौने सात करोड़ हो गई है.
8.24 AM:25 सितंबर को प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान (आयुष्मान भारत योजना) लॉन्च किया जाएगा. इस योजना के तहत दस करोड़ परिवार को इस परियोजना का लाभ मिलेगा. पांच लाख का बीमा हर परिवार को दिया जाएगा.
8:21 AM: WHO ने कहा है कि स्वच्छता अभियान के चलते 3 लाख बच्चे मरने से बचे. देश के सभी लोगों को आरोग्य की सुविधा मिले, मुफ़्त में मिले, इसलिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. 10 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिलेगा.
8.16 AM: हमारा पूरा ध्यान कृषि को आधुनिक बनाने पर है. हमने किसानों की आय दोगुनी करने का सपना देखा है. कई फ़सलें रिकॉर्ड उत्पादन कर रही हैं. कृषि क्रांति, आर्गेनिक फ़ार्मिंग, सोलर फ़ार्मिंग पर काम चल रहा है. दुनिया में मछली उत्पादन के मामले में हम दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. खादी की बिक्री दोगुनी हो गई है.
8:15 AM: हम मक्खन पर लकीर नहीं पत्थर पर लकीर खींचते हैं.
8:12 AM: आज मैं आपको एक ख़ुशख़बरी सुनाने जा रहा हूँ. हमारा देश अंतरिक्ष की दुनिया में प्रगति करता रहा है. लेकिन हमने संकल्प किया है कि 2022 तक माँ भारती का कोई संतान हो, वो अंतरिक्ष में हाथ में तिरंगा लेकर जाएगा.
8:07 AM: हमने चार साल के अंदर दिल्ली को नॉर्थ ईस्ट के दरवाज़े पर लाकर खड़ा कर दिया है.
8:06 AM: आज नॉर्थ ईस्ट से वैसी ख़बरें आ रही हैं, जो देश को प्रेरणा दे रही हैं.सोए हुए हाथी ने अब दौड़ शुरू कर दी है. दुनिया के अर्थशास्त्री कहने लगे हैं कि आने वाले तीन दशक तक भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला है.
8:01 AM: पहले दुनिया रेड टेप की बात करती थी और अब रेड कार्पेट की बात होती है.
7:59 AM: हम देशहित के लिए काम करते हैं, दलहित के लिए नहीं. हमारे लिए देश सर्वोपरि है.
7.55 AM: हमने फ़ैसला लिया कि देश के किसानों को एमएसपी पर डेढ़गुना लाभ दिया जाएगा. जीएसटी से व्यापारियों में एक नया विश्वास पैदा हुआ. व्यापारियों को शुरू में कठिनाई आई, लेकिन उन्होंने इसे गले लगाया. बेनामी संपत्ति का क़ानून लागू किया गया. वन रैंक वन पेंशन की मांग पूरी की. हम कड़े फ़ैसले का सामर्थ्य रखते हैं. पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है.
7.55 AM: गुजरात में कहावत है- निशान चूक माफ़, लेकिन नहीं माफ नीचा निशान. लक्ष्य बड़े नहीं होंगे तो विकास की राह भी अटक जाती है. हम बड़े लक्ष्य लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करें.
7.49 AM: 2013 की रफ़्तार से शौचालय, गैस कनेक्शन और ऑप्टिकल फ़ाइबर बिछाने का काम करते तो बहुत वक्त लगता. देश वही है, धरती वही है, आसमान वही है, सरकारी दफ़्तर वही है, प्रक्रियाएं वही हैं, फ़ाइलें वही हैं. लेकिन देश दोगुना हाइवे बना रहा है, चार गुना गांवों में घरें बना रहा है, रिकॉर्ड अनाज उत्पादन, रिकॉर्ड ट्रैक्टरों की बिक्री, मोबाइल उत्पादन, आज़ादी के बाद सबसे ज़्यादा हवाई जहाज ख़रीदने का काम कर रहा है. आईआईटी, एम्स खोल रहा है. स्किल डिवेलपमेंट हो रहा है. स्टार्टअप की बाढ़ आई हुई है. दिव्यांग के लिए डिक्शनरी बनाने का काम कर रहा है. 99 पुरानी सिंचाई के बंद पड़े प्रोजेक्ट चला रहे हैं. प्राकृतिक आपदा के लिए सेना पहुंच जाती है. वही सेना जब संकल्प लेकर चल पड़ती है तो वो सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मनों के दांत खट्टे कर के आ जाती है.
7:48AM: 2014 में इस देश के सवा सौ करोड़ नागरिक सिर्फ़ सरकार बनाकर रुके नहीं थे, लेकिन वे देश बनाने के लिए जुटे भी थे और जुटे रहेंगे भी. यही देश की ताक़त है.
7.44 AM: आज़ादी के बाद बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में समावेशी संविधान का निर्माण हुआ. ये हमारे लिए कुछ ज़िम्मेदारियां लेकर आया है. समाज के हर तबके को आगे ले जाने के लिए संविधान मार्गदर्शन करता रहा है. तिरंगे से प्रेरणा मिलती है कि ग़रीबों को न्याय मिले, सभी को आगे बढ़ने का समान अवसर मिले. समाज व्यवस्था निम्न, मध्यम वर्ग को आगे बढ़ने देने का वातावरण बनाए. महिलाएं, दलित, पीड़ित, शोषित उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिले. दुनिया में हिंदुस्तान की साख और दमक हो. वैसा हिंदुस्तान बनाना चाहते हैं.
7.43 AM: ये आज़ादी यूं ही नहीं मिली है. आज़ादी के संघर्ष में सपनों को भी संजोया गया. आज़ादी के कई वर्षों पहले सुब्रह्मण्यम भारती ने लिखा था, "भारत पूरी दुनिया को हर बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा."
7.42 AM: जलियांवाला बाग के नरसंहार के 100 वर्ष हो रहे हैं. मैं उन सभी वीरों को नमन करता हूं.
7.41 AM: बाढ़ में जिन्होंने अपने को खोया है उनके दुख में मैं सहभागी होता हूं.

Sunday, August 12, 2018

算一算中美贸易的“环境帐”

中美之间存在着巨大的贸易逆差,中国是美国的最主要贸易逆差来源国。据美方统计,2016年全年美国对华贸易逆差高达3470亿美元,占美国贸易逆差总额的将近一半。美国特朗普总统自当政以来,开始了其对华贸易新政。其在与习近平主席的海湖庄园会谈之后,就启动了“百日计划”(100-day plan)的经贸谈判,旨在减少美国的对华贸易逆差,迫使中国进一步放开金融投资限制,取消牛肉进口禁令。之后,美国可能更进一步要价,促使中国进口更多的大豆、玉米、猪肉、鸡肉等农产品。4月20日特朗普总统又宣布开始对美国进口钢材是否危及国家安全展开商务调查,旨在限制进口中国的钢铁产品。

如果特朗普对华贸易新政付诸于实践,对两国的环境会产生什么影响?

中国:越进口越环保

目前,中国每年进口美国农产品价值近150亿美元,包括大豆、玉米、畜禽类产品。如果中国进口更多的美国农产品,会大幅减缓对环境的压力,特别是对地面水的面源污染有巨大的积极减排作用。

养殖业在中国是一个污染大户。根据《2014年环境状况公报》公布的主要污染物总量减排核查核算结果,2014年中国畜禽养殖业共排放水污染物COD和氨氮1049万吨和58万吨,分别占农业源排放量的95%和77%,占全国总排放量的46%和25%。该行业已经成为水环境污染的最大污染源,超过了工业与生活污染。根据WWF、北师大、青岛科技大学联合课题组的研究,目前中国畜禽养殖行业每万元产值COD排放量是0.12-0.36吨。如果从美国进口10亿美元的畜禽产品替代了中国的畜禽养殖,那么中国将减少8.28-24.84万吨COD排放,约占中国畜禽养殖COD排放的0.8-2.37%;如果中远期从美国进口100亿美元的畜禽产品,那么减排量也将增加十倍。这对改善中国的水环境具有重大意义。同时,也帮助中国进一步优化经济结构,逐步淘汰高污染、资源密集型性产业,充分发挥中国的比较优势。


中国:少出口更环保

美国也一直在限制进口中国的钢铁产品。在过去几年里,由于美国对中国钢铁产品持续发起反倾销、反补贴措施,导致中国钢材出口数量大幅减少。2016年1-11月份,中国出口美国钢材107.1万吨,同比2015年下降53.3%。今年2月,美国政府将中国进口钢材的反倾销税指数由63.86%提高到76.64%。之后,特朗普总统又宣布对进口钢铁是否对美国国家安全构成威胁展开广泛调查,这可能会导致对中国钢铁生产商征收新的关税,进一步减少从中国进口钢铁。

钢铁行业,特别是京津冀地区的钢铁生产,对大气质量的影响非常大。按照中国目前的钢铁行业先进水平,万元产值的综合能耗0.976吨标煤,CO2排放量3.022吨,SO2排放量3.028千克,NOx排放量1.421千克。如果中国近期向美国少出口100亿美元的钢铁产品,那么中国将减少使用674万吨标煤,这相当于2012-2017京津冀煤炭计划消减量的10.7%; 减排2085万吨CO2,2.1万吨SO2和0.98万吨NOx,也大致相当于2012-2017京津冀污染物消减量的10%。这对改善中国的大气环境,特别是京津冀地区具有重大意义。同时,也非常有助于中国实现“去产能、去库存、去杠杆、降成本、补短板(三去一降一补)”的目标,逐步淘汰过剩产能,进一步优化经济结构。

总之,如果中方进口更多的美国畜禽产品、减少钢铁产品出口到美国,完全可以贸易手段改善中国的环境。

美国:带回工作,带回污染

如果特朗普对华贸易新政付诸实践,可能有助于他实现“把工作带回美国”的目标,但对美国的环境又会有什么影响?对全球环境是否也会有影响?事实上,美国生产并出口更多的畜禽产品到中国,也会增加美国的水污染排放量;美国增加钢铁产品生产,减少从中国的进口,也会增加美国的温室气体与大气污染物排放量。值得庆幸的是,美国的环境容量要远大于中国,环境管理体系也要严于中国,所以这些产品在美国生产造成的环境影响可能会小于这些产品在中国生产造成的环境影响。因此,从全球环境的角度来看,中美贸易格局的新变化,将把污染从中国带回美国,但对全球环境的总体影响可能会有所减少。