Wednesday, September 19, 2018

मेरे पति को इसलिए मारा गया क्योंकि वो मेरी जाति के नहीं थे’

प्रणय एक मां की तरह मेरा ख़्याल रखता था. वह मुझे नहलाता था, खिलाता था और मेरे लिए खाना बनाता था. वह मेरी ज़िंदगी और दिनचर्या का हिस्सा था."
यह कहना है 21 वर्षीय अमृता वर्षिनी का जिनके पति की उनके सामने गर्दन पर वार करके हत्या कर दी गई थी.
चार दिन पहले नलगोंडा (तेलंगाना) के मिरयालागुडा शहर में 24 वर्षीय प्रणय पेरुमल्ला की तब हत्या कर दी गई थी जब वह अपनी गर्भवती पत्नी का चेकअप कराकर अस्पताल से बाहर आ रहे थे.
प्रणय पेरुमल्ला की हत्या कथित तौर पर कॉन्ट्रेक्ट किलर ने की थी जिसकी सुपारी उनकी पत्नी अमृता के परिजनों ने दी थी.
नलगोंडा के पुलिस अधीक्षक ए.वी. रंगनाथ ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर बताया कि अमृता के पिता मारुति राव, उनके क़रीबी करीम, असग़र, भारी, सुभाष शर्मा, अमृता के चाचा श्रवण और उनके ड्राइवर को प्रणय की हत्या और उसकी साज़िश के मामले में गिरफ़्तार किया गया है.रणय की हत्या की पूरी साज़िश के बारे में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसके लिए एक करोड़ रुपये का सौदा हुआ था. अमृता के पिता के निर्देश पर करीम नाम के शख़्स ने असग़र अली, भारी और सुभाष शर्मा से संपर्क किया. पुलिस
ने बताया कि अभियुक्त असग़र अली और मोहम्मद भारी नलगोंडा के निवासी हैं और हिरेन पंड्या की हत्या मामले में भी अभियुक्त हैं.
9 अगस्त से इसको लेकर रेकी की जा रही थी.
पुलिस ने सार्वजनिक किया है कि प्रणय पर हमले की पहली कोशिश 14 अगस्त, दूसरी सितंबर के पहले हफ़्ते और आख़िरी 15 सितंबर को दोपहर 1.30 बजे की गई और उनकी हत्या कर दी गई.
पुलिस अधीक्षक ने कहा, "जांच के दौरान लड़की के पिता ने कहा कि प्रणय अनुसूचित जाति से था, उसने ठीक से पढ़ाई नहीं की थी और मध्यम वर्ग के परिवार से संबंध रखता था."
बीबीसी ने अमृता से उनके ससुराल में मुलाक़ात की. पांच महीने की गर्भवती अमृता दुर्बल नज़र आती हैं, लेकिन चेहरे पर उनके साहस है. रोने के बाद ख़ुद को हिम्मत बंधाते हुए वह कहती हैं कि वे दोनों बचपन से एक-दूसरे को प्यार करते थे.
अमृता ने प्रणय और ख़ुद की बचपन की एक फ़ोटो फ़ेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "बचपन के प्यार से शादी करने से कुछ भी बेहतर नहीं है. हमेशा साथ रहने के लिए पैदा हुए."
बेचैनी से अपने फ़ोन को दूर करते हुए वह अपने बेडरूम के दरवाज़े पर नज़रें गड़ाकर देखती हैं जहां से कमरे में लोग आ जा रहे हैं. अमृता अपने ख़्यालों में खोई नज़र आती हैं.रणय से वह कैसे मिलीं? इस सवाल पर उनके चेहरे पर एक हल्की-सी मुस्कान आती है और वह कहती हैं, "स्कूल में वह मुझसे एक साल सीनियर थे. हम हमेशा एक-दूसरे को पसंद करते थे. मैं नौवीं क्लास में थी और प्रणय 10वीं क्लास में थे. हमारा प्यार तब शुरू हुआ था. हम फ़ोन पर बहुत अधिक बात करते थे."
वह धीरे-धीरे अपना हाथ पेट पर ले जाती हैं और कहती हैं कि यह बच्चा हमारे प्यार का प्रतीक रहेगा. "मुझे ख़ुशी है कि कम से कम मेरे पास मेरा बच्चा है. यह बच्चा प्रणय को मेरे पास रखेगा जैसे वह हमेशा था."
अमृता कहती हैं, "हमें एक-दूसरे के लिए भागना पड़ा."
अमृता और प्रणय की कहानी ऐसी नहीं है कि वह एक-दूसरे से मिले और ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे. उन्हें एक-दूसरे से शादी से पहले धमकियों और शारीरिक यातनाओं का सामना करना पड़ा.
अमृता कहती हैं, "यह बेहद छोटा शहर है. तो यह बहुत सामान्य बात है कि मेरे परिजनों को हमारे रिश्ते के बारे में पता चल गया. मेरे परिजनों ने मुझे चेतावनी दी. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं प्रणय से कभी भी न मिलूं, लेकिन यह सब मुझे नहीं रोक सका."
"मैंने उनकी जाति या आर्थिक स्थिति नहीं देखी थी. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण था कि हम एक-दूसरे को प्यार करते हैं और अच्छे से समझते हैं."
अमृता जब इंजीनियरिंग में दूसरे वर्ष की छात्रा थीं तब दोनों ने अप्रैल 2016 में पहली बार शादी की. हालांकि, उन्होंने शादी का पंजीकरण नहीं कराया था. उनके परिजनों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने अमृता को कमरे में बंद कर दिया था.
अमृता साहस के साथ कहती हैं, "मेरे चाचा ने प्रणय को धमकी दी थी. उन्होंने डम्बल से मुझे मारा. यह सब मेरी मां और तकरीबन 20 रिश्तेदारों के सामने हुआ. कोई भी मेरे साथ नहीं खड़ा हुआ. मुझे कमरे में बंद कर दिया गया. वह चाहते थे कि मैं प्रणय को भूल जाऊं क्योंकि वह अनुसूचित जाति से है."
"बचपन में मेरी मां दूसरी जाति के दोस्त बनाने के लिए मुझे हतोत्साहित करती थीं. मुझे कमरे में बंद रखा जाता था और हर दिन कुछ अचार और चावल ही खाने के लिए दिया जाता था. प्रणय को मैं भूल जाऊं इसलिए मेरे चाचा मुझे मारते थे और धमकी देते थे. उन्होंने मेरी पढ़ाई बंद करा दी. मेरे पास प्रणय से बात करने के लिए कोई रास्ता नहीं था."
उस समय के बाद अमृता ने प्रणय को तभी देखा जब उन्होंने 30 जनवरी 2018 को आर्य समाज मंदिर में दोबारा शादी की.
वह कहती हैं, "मुझे स्वास्थ्य समस्याएं होती थीं तो मैं डॉक्टर या अस्पताल के किसी स्टाफ़ का फ़ोन लेकर प्रणय से बात करती थी. वह कुछ लम्हे हमारे प्यार को आगे बढ़ा रहे थे. हमने आख़िरकार आर्य समाज मंदिर में शादी करने का फ़ैसला किया ताकि हमारे पास शादी का कोई दस्तावेज़ हो. हम दोनों ने अपने प्यार के लिए लड़ने का फ़ैसला किया."
प्रणय के परिवार को शादी की कोई जानकारी नहीं थी. शादी के बाद यह जोड़ा सुरक्षा के लिहाज से हैदराबाद चला गया.
अमृता बताती हैं, "हम डेढ़ महीने तक हैदराबाद में रहे, लेकिन मेरे पिता ने हमारी जानकारी के लिए कुछ गुंडों को भेजा. इस वजह से हम प्रणय के घर में मिरयालागुडा रहने चले आए हमने सोचा की परिवार के पास रहने से हम सुरक्षित रहेंगे."
"हमारी योजना थी कि हम उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाएंगे और इसी बीच मैं गर्भवती हो गई. यह हमारे लिए सबसे अच्छा क्षण था."
"जब तक बच्चा नहीं हो जाता तब तक हमने यहीं रुकने का फ़ैसला लिया. बच्चा होने के बाद पढ़ाई के लिए हम कनाडा जाने की पूरी व्यवस्था कर रहे थे."
अमृता कहती हैं कि उनके गर्भवती होने की ख़बर ने उन्हें उम्मीद और ख़ुशी दी. हालांकि, बच्चे के लिए वे कुछ ज़्यादा ही युवा थे, लेकिन प्रणय ने अपने परिजनों को बताया कि बच्चा अमृता के परिजनों के ख़िलाफ़ मज़बूती से खड़े होने में मदद करेगा.

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