Wednesday, September 19, 2018

मेरे पति को इसलिए मारा गया क्योंकि वो मेरी जाति के नहीं थे’

प्रणय एक मां की तरह मेरा ख़्याल रखता था. वह मुझे नहलाता था, खिलाता था और मेरे लिए खाना बनाता था. वह मेरी ज़िंदगी और दिनचर्या का हिस्सा था."
यह कहना है 21 वर्षीय अमृता वर्षिनी का जिनके पति की उनके सामने गर्दन पर वार करके हत्या कर दी गई थी.
चार दिन पहले नलगोंडा (तेलंगाना) के मिरयालागुडा शहर में 24 वर्षीय प्रणय पेरुमल्ला की तब हत्या कर दी गई थी जब वह अपनी गर्भवती पत्नी का चेकअप कराकर अस्पताल से बाहर आ रहे थे.
प्रणय पेरुमल्ला की हत्या कथित तौर पर कॉन्ट्रेक्ट किलर ने की थी जिसकी सुपारी उनकी पत्नी अमृता के परिजनों ने दी थी.
नलगोंडा के पुलिस अधीक्षक ए.वी. रंगनाथ ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर बताया कि अमृता के पिता मारुति राव, उनके क़रीबी करीम, असग़र, भारी, सुभाष शर्मा, अमृता के चाचा श्रवण और उनके ड्राइवर को प्रणय की हत्या और उसकी साज़िश के मामले में गिरफ़्तार किया गया है.रणय की हत्या की पूरी साज़िश के बारे में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसके लिए एक करोड़ रुपये का सौदा हुआ था. अमृता के पिता के निर्देश पर करीम नाम के शख़्स ने असग़र अली, भारी और सुभाष शर्मा से संपर्क किया. पुलिस
ने बताया कि अभियुक्त असग़र अली और मोहम्मद भारी नलगोंडा के निवासी हैं और हिरेन पंड्या की हत्या मामले में भी अभियुक्त हैं.
9 अगस्त से इसको लेकर रेकी की जा रही थी.
पुलिस ने सार्वजनिक किया है कि प्रणय पर हमले की पहली कोशिश 14 अगस्त, दूसरी सितंबर के पहले हफ़्ते और आख़िरी 15 सितंबर को दोपहर 1.30 बजे की गई और उनकी हत्या कर दी गई.
पुलिस अधीक्षक ने कहा, "जांच के दौरान लड़की के पिता ने कहा कि प्रणय अनुसूचित जाति से था, उसने ठीक से पढ़ाई नहीं की थी और मध्यम वर्ग के परिवार से संबंध रखता था."
बीबीसी ने अमृता से उनके ससुराल में मुलाक़ात की. पांच महीने की गर्भवती अमृता दुर्बल नज़र आती हैं, लेकिन चेहरे पर उनके साहस है. रोने के बाद ख़ुद को हिम्मत बंधाते हुए वह कहती हैं कि वे दोनों बचपन से एक-दूसरे को प्यार करते थे.
अमृता ने प्रणय और ख़ुद की बचपन की एक फ़ोटो फ़ेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "बचपन के प्यार से शादी करने से कुछ भी बेहतर नहीं है. हमेशा साथ रहने के लिए पैदा हुए."
बेचैनी से अपने फ़ोन को दूर करते हुए वह अपने बेडरूम के दरवाज़े पर नज़रें गड़ाकर देखती हैं जहां से कमरे में लोग आ जा रहे हैं. अमृता अपने ख़्यालों में खोई नज़र आती हैं.रणय से वह कैसे मिलीं? इस सवाल पर उनके चेहरे पर एक हल्की-सी मुस्कान आती है और वह कहती हैं, "स्कूल में वह मुझसे एक साल सीनियर थे. हम हमेशा एक-दूसरे को पसंद करते थे. मैं नौवीं क्लास में थी और प्रणय 10वीं क्लास में थे. हमारा प्यार तब शुरू हुआ था. हम फ़ोन पर बहुत अधिक बात करते थे."
वह धीरे-धीरे अपना हाथ पेट पर ले जाती हैं और कहती हैं कि यह बच्चा हमारे प्यार का प्रतीक रहेगा. "मुझे ख़ुशी है कि कम से कम मेरे पास मेरा बच्चा है. यह बच्चा प्रणय को मेरे पास रखेगा जैसे वह हमेशा था."
अमृता कहती हैं, "हमें एक-दूसरे के लिए भागना पड़ा."
अमृता और प्रणय की कहानी ऐसी नहीं है कि वह एक-दूसरे से मिले और ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे. उन्हें एक-दूसरे से शादी से पहले धमकियों और शारीरिक यातनाओं का सामना करना पड़ा.
अमृता कहती हैं, "यह बेहद छोटा शहर है. तो यह बहुत सामान्य बात है कि मेरे परिजनों को हमारे रिश्ते के बारे में पता चल गया. मेरे परिजनों ने मुझे चेतावनी दी. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं प्रणय से कभी भी न मिलूं, लेकिन यह सब मुझे नहीं रोक सका."
"मैंने उनकी जाति या आर्थिक स्थिति नहीं देखी थी. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण था कि हम एक-दूसरे को प्यार करते हैं और अच्छे से समझते हैं."
अमृता जब इंजीनियरिंग में दूसरे वर्ष की छात्रा थीं तब दोनों ने अप्रैल 2016 में पहली बार शादी की. हालांकि, उन्होंने शादी का पंजीकरण नहीं कराया था. उनके परिजनों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने अमृता को कमरे में बंद कर दिया था.
अमृता साहस के साथ कहती हैं, "मेरे चाचा ने प्रणय को धमकी दी थी. उन्होंने डम्बल से मुझे मारा. यह सब मेरी मां और तकरीबन 20 रिश्तेदारों के सामने हुआ. कोई भी मेरे साथ नहीं खड़ा हुआ. मुझे कमरे में बंद कर दिया गया. वह चाहते थे कि मैं प्रणय को भूल जाऊं क्योंकि वह अनुसूचित जाति से है."
"बचपन में मेरी मां दूसरी जाति के दोस्त बनाने के लिए मुझे हतोत्साहित करती थीं. मुझे कमरे में बंद रखा जाता था और हर दिन कुछ अचार और चावल ही खाने के लिए दिया जाता था. प्रणय को मैं भूल जाऊं इसलिए मेरे चाचा मुझे मारते थे और धमकी देते थे. उन्होंने मेरी पढ़ाई बंद करा दी. मेरे पास प्रणय से बात करने के लिए कोई रास्ता नहीं था."
उस समय के बाद अमृता ने प्रणय को तभी देखा जब उन्होंने 30 जनवरी 2018 को आर्य समाज मंदिर में दोबारा शादी की.
वह कहती हैं, "मुझे स्वास्थ्य समस्याएं होती थीं तो मैं डॉक्टर या अस्पताल के किसी स्टाफ़ का फ़ोन लेकर प्रणय से बात करती थी. वह कुछ लम्हे हमारे प्यार को आगे बढ़ा रहे थे. हमने आख़िरकार आर्य समाज मंदिर में शादी करने का फ़ैसला किया ताकि हमारे पास शादी का कोई दस्तावेज़ हो. हम दोनों ने अपने प्यार के लिए लड़ने का फ़ैसला किया."
प्रणय के परिवार को शादी की कोई जानकारी नहीं थी. शादी के बाद यह जोड़ा सुरक्षा के लिहाज से हैदराबाद चला गया.
अमृता बताती हैं, "हम डेढ़ महीने तक हैदराबाद में रहे, लेकिन मेरे पिता ने हमारी जानकारी के लिए कुछ गुंडों को भेजा. इस वजह से हम प्रणय के घर में मिरयालागुडा रहने चले आए हमने सोचा की परिवार के पास रहने से हम सुरक्षित रहेंगे."
"हमारी योजना थी कि हम उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाएंगे और इसी बीच मैं गर्भवती हो गई. यह हमारे लिए सबसे अच्छा क्षण था."
"जब तक बच्चा नहीं हो जाता तब तक हमने यहीं रुकने का फ़ैसला लिया. बच्चा होने के बाद पढ़ाई के लिए हम कनाडा जाने की पूरी व्यवस्था कर रहे थे."
अमृता कहती हैं कि उनके गर्भवती होने की ख़बर ने उन्हें उम्मीद और ख़ुशी दी. हालांकि, बच्चे के लिए वे कुछ ज़्यादा ही युवा थे, लेकिन प्रणय ने अपने परिजनों को बताया कि बच्चा अमृता के परिजनों के ख़िलाफ़ मज़बूती से खड़े होने में मदद करेगा.

Thursday, September 13, 2018

अरबाज की गणेश पूजा होगी खास, खान परिवार से मिलेंगे गर्लफ्रेंड के पिता

अरबाज खान और मलाइका अरोड़ा के तलाक के बाद पर्सनल लाइफ में अरबाज अब काफी आगे निकल चुके हैं. प‍िछले द‍िनों उन्हें गर्लफ्रेंड जॉर्जिया एंड्रियानी के साथ कई मौकों पर स्पॉट किया गया था. खबरें ये भी आ रही हैं कि अरबाज अपना र‍िलेशन जल्द ऑफ‍िश‍ियल भी करने वाले हैं. स्पॉटबाय की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक गर्लफ्रेंड जॉर्जिया एंड्रियानी के प‍िता इटली से अरबाज खान और परिवार से मिलने गैलेक्सी अपार्टमेंट आने वाले हैं. र‍िपोर्ट के मुताब‍िक गणेश चतुर्थी के खास मौके पर सलमान खान के घर गणपति बाप्पा का आगमन होने जा रहा है. ऐसे में अरबाज खान ने अपनी गर्लफ्रेंड जॉर्जिया और उनके पिता को स्पेशल न्योता देकर बुलाया है. अरबाज चाहते हैं कि फेस्टिवल के मौके पर गर्लफ्रेंड जॉर्जिया का पर‍िवार खान परिवार के साथ समय बिताए. अरबाज खान और जॉर्ज‍िया के पर‍िवार का इस तरह मिलना ये साफ इशारा कर रहा है कि दोनों अपने र‍िश्ते को आगे ले जाना चाहते हैं. अरबाज और मलाइका ने पिछले साल मई में तलाक ले लिया था. लेकिन अभी भी दोनों दोस्तों की तरह मेलजोल बनाए हुए हैं. ग गुरू स्वामी रामदेव के संस्थान 'पतंजलि' ने लगातार अपने दायरे को बढ़ाया है. गुरुवार से पतंजलि ने अब दूध, दही, छाछ और पनीर की इंडस्ट्री में भी कदम रख दिया है. योगगुरु रामदेव ने गुरुवार को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इसका ऐलान किया.
योगगुरु रामदेव ने आज कुल पांच नए प्रोडक्ट को लॉन्च किए. रामदेन ने इस मौके पर ऐलान किया कि इस साल दिवाली पर पतंजलि के कपड़े के प्रोडक्ट लॉन्च होंगे. उन्होंने कहा कि कपड़ों में जींस, शर्ट, पैंट, कमीज़, साड़ी, जूते, चप्पल सब कुछ मिलेगा. बता दें कि रामदेव की कंपनी पतंजलि इससे पहले फुटकर सामान, घरेलू सामान की इंडस्ट्री में अपना दबदबा मनवा चुकी है.
लॉन्च के दौरान रामदेव ने कहा कि बीकानेर और शेखावाटी क्षेत्र से दूध लिया जा रहा है, हम यहां के किसानों से दूध ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि पतंजलि गाय का शुद्ध दूध 40 रुपए प्रति लीटर के दाम से मिलेगा. शुक्रवार से ही 4 लाख लीटर दूध बाजारमें उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि इससे करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
अब दूध प्रोडक्ट्स की इंडस्ट्री में आने के साथ ही रामदेव का सीधा मुकाबला अमूल और मदर डेयरी जैसी बड़ी कंपनियों से होगा. पंतजलि की आयुर्वेदिक दवाइयां, टूथपेस्ट, मसाले आदि मार्केट में अपनी मजबूत जगह बना चुके हैं. पतंजलि का टर्नओवर भी पिछले कई सालों में लगातार बढ़ा है. जतक' के शो 'सीधी बात' में इस बार योग गुरु बाबा रामदेव ने सीधे सवालों का सामना किया. उन्होंने पीएम मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक से जुड़े सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. रामदेव ने कहा कि उनके संबंध सभी दलों से बेहतर हैं, चाहें वो बीजेपी हो या कांग्रेस. रामदेव ने केंद्र सरकार की नीतियों, खामियों और 2019 के चुनाव में समर्थन पर भी बात की.
मोदी कर रहे अच्छा काम जो दिख रहा
शो की शुरुआत में सवाल किया गया कि क्या सरकार योग कर रही है? इस पर रामदेव बोले ये राजयोग है और राजयोग में कुछ राजरोग भी होते हैं. लेकिन मोदी और उनके मंत्री काफी अच्छा काम कर रहे हैं. ये जो बोलते हैं वो करते भी हैं और दिख भी रहा है.
ट्रंप से लेकर पुतिन तक करे हैं पीएम का सम्मान
रामदेव ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे पीएम हैं, जिनका सम्मान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन और जापान और चीन के राष्ट्राध्यक्ष भी करते हैं. पीएम मोदी जहां खड़े होते हैं, वह देश के सवा सौ करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
जीएसटी से काफी व्यापारी हैं नाराज
सरकार के कामकाज पर रामदेव ने कहा कि सरकार ने सड़कों का जाल बिछाया, एक देश-एक टैक्स के लिए जीएसटी लागू किया. टैक्स पारदर्शिता लाने का पहला चरण पार किया. जीएसटी से काफी व्यापारी नाराज हैं, लेकिन शुरुआत में कुछ परेशानियां तो उठानी पड़ती हैं. हालांकि अब हम उससे भी उबर चुके हैं.
मैं किसी के लिए कैंपेन नहीं कर रहा
2014 की तरह ही क्या 2019 में भी रामदेव बीजेपी का समर्थन या फिर उसके लिए प्रचार करेंगे? इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि मैं किसी के लिए कैंपेन नहीं कर रहा हूं, लेकिन पीएम मोदी की नीयत और नेतृत्व देश के भले के लिए है. मोदी जी से लोगों की अपेक्षाएं भी ज्यादा हैं. इसमें मोदी जी कितने खरे उतरेंगे, यह देखना होगा. मेरी तो कामना है कि वह अपने अभियान में सफल हों. मैं भी अच्छे कामों का समर्थन करता हूं, क्योंकि राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित और राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है.
सरकार की सबसे अच्छी योजना के सवाल पर रामदेव ने कहा कि उज्ज्वला योजना चार साल में केंद्र सरकार की सबसे अच्छी योजना है. गरीबों की मां की आंखों में रोटी बनाते समय आंसूं होते थे. 7-8 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिला है. अभी आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं हुई है, लेकिन इसका फायदा 50 करोड़ लोगों को मिलेगा. इसलिए यह योजना भी अहम है.
सबसे बुरी योजना पर नहीं लिया नाम
सरकार की सबसे खराब या बुरी योजना के सवाल पर रामदेव ने कहा कि मोदी जी बुरा क्यों चाहेंगे, लेकिन कुछ बाते हैं. वैसे मैं संन्यासी हूं और लाभ-हानि के लिए काम नहीं करता. हमने 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की चैरिटी की है. लाखों लोगों को नौकरियां दीं. नोटबंदी और जीएसटी के बाद थोड़ा झटका लगा.
किसानों और दलितों की नाराजगी
सरकार की कमी के सवाल पर रामदेव ने कहा कि किसान नाराज हैं, लेकिन मोदी जी ने कहा है कि वह किसानों की आय दोगुना करेगी. दलितों की सरकार से नाराजगी के मामले पर रामदेव ने कहा कि इसमें सरकार की कोई गलती नहीं है. SC-ST एक्ट वाला फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. हां, सरकार को इस पर तुरंत अध्यादेश लाना चाहिए था. कह सकते हैं कि इसमें देर हुई. अगर उसको ठीक से टैकल कर लेते तो गलतफहमी नहीं होती. लोगों में भ्रम पैदा कर दिया कि मोदी जी दलित विरोधी हैं. मोदी जी की योजनाएं दलितों और वंचितों के लिए ही हैं, उन्हें जरूरतमंदों के बीच नहीं पहुंचाया जा सका.
बीजेपी में सभी समूहों का प्रतिनिधित्व नहीं दिखता
रामदेव ने कहा कि मैं जातिमुक्त भारत देखना चाहता हूं, मोदी जी भी यही चाहते हैं. वर्षों से जो लोग वंचित रहे उनके बीच में भ्रांतियां फैलीं. ये बीजेपी की वैचारिक समस्या है या पता नहीं क्या है कि इसमें सभी समूहों का प्रतिनिधित्व नहीं है, जैसा दूसरे दलों में दिखता है. मुझे लगता है कि वर्ग विशेष जैसे आदिवासी या दलित का प्रतिनिधित्व नहीं दिखता है. जाट-दलित-यादव-गूजर आदि अपना प्रतिनिधित्व किसी चेहरे में देखें, ऐसा नहीं दिखता है. ये शायद कमी रही.
काले धन पर देश के बाहर भी कदम उठाने की जरूरत
रामदेव को 2014 से पहले दिया उनका बयान कि काला धन वापस आ जाए तो पेट्रोल 30 रुपये लीटर हो जाएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सच है और मैंने मोदी जी से भी बोला था इस बात को. पेट्रोल-डीजल जितना महंगा बिकता है, उतना महंगा क्रूड ऑयल नहीं है. सरकार को इससे रेवैन्यू बहुत आता है. रेवैन्यू दो ही चीजों से ज्यादा मिलता है- शराब से और पेट्रोल से. सरकार को काम भी करना है, शायद इसलिए वह पेट्रोल और डीजल से ही सारी कमाई करना चाहती है. देश के अंदर के काले धन पर तो सरकार ने काम किया है, लेकिन देश के बाहर के काले धन पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है.
2019 में एकतरफा लड़ाई नहीं, बीजेपी को करना होगा संघर्ष
रामदेव ने कहा कि मैं राजनीतिक रूप से सर्वदलीय और निर्दलीय हूं. मैं अराजनीतिक हूं लेकिन मौन नहीं हो सकता. हालांकि मैं देखता हूं कि एक तरफ मोदी जी और एक तरफ विपक्ष- ये लोकतंत्र के लिए अच्छा है. लोकतंत्र तभी अच्छा होता है, जब सत्ता और विपक्ष में बराबर टक्कर हो. पहले ये कहा जाता था कि 2019 की छोड़ दो 2024 की सोचो, लेकिन अब  के लिए भी सोचना पड़ रहा है. मैंने तो संघर्ष का जीवन जिया है तो बीजेपी वाले दोस्तों को भी संघर्ष करना चाहिए.
जिसमें योग्यता है, उसकी बड़ाई करने में बुराई नहीं
रामदेव राजनैतिक तौर पर कई बार निष्पक्ष बातें करते हैं. चंद्रबाबू नायडू की तारीफ कर चुके हैं. इस पर रामदेव ने कहा कि उनमें टैलेंट है, हालांकि वह आज एनडीए में नहीं हैं. मैं उनकी योग्यता को नहीं भुला सकता हूं. जो अच्छा कर रहा है, उसकी बड़ाई क्यों नहीं करना. बीजेपी और शिवसेना के आपस में अच्छे संबंध नहीं हैं, लेकिन उद्धव जी के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं.
कांग्रेस में 99 प्रतिशत लोगों से मेरे अच्छे संबंध
रामदेव ने कहा कि कांग्रेस के 99 फीसदी लोगों से भी मेरे अच्छे संबंध हैं. बचे हुए 1 प्रतिशत कौन हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बाकी 1 फीसदी में परसेप्शन की दिक्कत है. राहुल जी या सोनिया जी से भी मेरा कोई झगड़ा नहीं है. मैं तो गांव का आदमी हूं. हमारा उनसे खानदानी विरोध नहीं है. लालू जी के बेटे की शादी हुई तो मेरा कैंप चल रहा था. मैं वहां जाकर आशीर्वाद दे आया. नीतीश जी से भी मेरे अच्छे संबंध हैं. ममता जी की भी मैंने एक-दो अच्छी बातों की तारीफ की तो लोगों को लगा कि बाबा जी को ममता पर इतनी ममता क्यों आ रही है. ऐसा कुछ भी नहीं है.
दो ताकतवर लोगों की लड़ाई में मैं क्यों बीच में जाऊं?
अखिलेश जी से मेरा पुराना प्रेम है. वह संस्कारी व्यक्ति हैं, लेकिन वह बीजेपी से लड़ रहे हैं. वह व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छे हैं. जब दो ताकतवर लोग लड़ रहे हैं तो मैं उनके बीच में जाकर अपना नुकसान क्यों करवाऊं? ये उनकी राजनीतिक लड़ाई है. लेकिन देश हित की बात होगी तो मैं अच्छी नीतियों वालों के साथ हूं. जो देश के लिए काम करेगा, मैं उसके साथ हूं.
योगी के सवाल पर टाल गए जवाब
बीजेपी का सबसे अलग मुख्यमंत्री कौन है और यूपी के सीएम योगी कैसे सीएम हैं, इस सवाल पर रामदेव ने सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि आपका कार्यक्रम तो ‘सीधी बात’ है, लेकिन आजकल सीधी बात करने का जमाना नहीं रहा. आजकल समय बहुत खतरनाक है. अब डिप्लोमैटिक बात भी नहीं कर सकते. पहले मैं सोचता था कि डिप्लोमैटिक बातें नहीं करनी चाहिए. मैंने सारी दुनिया घूमी तो देखा कि सब जगह सरकार के डिप्लोमैट होते हैं. इस बात में मैं डिप्लोमैटिक बात भी नहीं कर सकता. एक का नाम लूंगा तो बाकी कहेंगे कि हम भी तो अच्छा काम कर रहे हैं.
बचपन से आज तक मैंने धारा के विपरीत काम किया
संन्यासी होने के बावजूद व्यापार के सवाल पर रामदेव ने कहा कि बचपन से मैंने आज तक धारा के विपरीत काम किया है. जिस गांव में मैं पैदा हुआ वहां 1000 साल में कोई साधु नहीं बना. मैंने वेदों की भ्रांतियां भी तोड़ी कि वेद सिर्फ ब्राह्मण ही पढ़ेंगे. मैंने विदेशी कंपनियों को चुनौती दी. हालांकि मेरे काम पर कई प्रश्न हुए, लेकिन कोई ये नहीं कह सकता कि मैंने कोई गलत काम किया है. मेरे विरोधी भी इस बात की तारीफ करते हैं. रोजगार के सवाल पर उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख लोगों को हमने सीधे रोजगार दिया और करोड़ों किसानों को फायदा पहुंचाया और किसान पुत्र होने का धर्म निभाया.
पतंजलि का मकसद लाभ कमाना नहीं
2017-18 में भारत की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों की ग्रोथ 8 से 12 फीसदी के बीच रही, जबकि पतंजलि की नो-ग्रोथ रही, इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि हमारे रेट इन कंपनियों के रेट से आधे हैं. हमारा मकसद लाभ कमाना नहीं है. हमारा साबुन, नमक, शहद बाकियों से सस्ता है. नोटबंदी और जीएसटी से प्रेशर आया है, लेकिन जल्द ही सब ठीक हो जाएगा. 3000 तरह के कपड़े दीवाली तक लॉन्च हो जाएंगे. दिव्य जल आने वाला है. ब्रांड के रूप में पतंजलि का देश के लिए योगदान हमेशा बढ़ा हुआ मिलेगा.
पतंजलि के लिए देश बाजार नहीं परिवार है
देसी चीज को प्रोत्साहन देने के लिए हम सिम कार्ड लाए, स्वदेशी समृद्धि कार्ड लाए. सरकार भी ऐसा कार्ड नहीं ला सकी. मैंने बीएसएनएल से कोई पैसा नहीं लिया उनका प्रचार करने का. मैं तो स्वदेशी का ब्रांड एंबेसडर हूं. हमने देश को बाजार नहीं, परिवार मानकर काम किया.
वॉट्सऐप का बाप होगा किंभो ऐप
वॉट्सऐप का छोटा भाई आ गया है किंभो... इस पर रामदेव ने कहा कि छोटा नहीं बड़ा होगा होगा किंभो. 25 करोड़ लोगों ने इसके बारे में सर्च किया. गूगल प्ले स्टोर ने इसे क्यों हटाया इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने इसे हटाया. हमने अपने संगठन युवा भारती के 5-10 हजार लोगों के लिए इसका ट्रायल किया था. ये इतना वायरल हुआ कि करोड़ों हिट्स आ गए उस पर. मैंने कहा कि फिर से ट्रायल लेकर आएंगे. यह वॉट्सऐप का बाप बन सकता है. इसमें उससे अच्छे फीचर्स हैं.
...तो दुनिया का सबसे बड़ा स्वदेशी साम्राज्य हो जाएगा
मेरे पास कई विकल्प आते रहते हैं. अगर मैं सभी को स्वीकृति देता जाऊं तो दुनिया का सबसे बड़ा स्वदेशी साम्राज्य हो जाएगा. जितना संभलेगा, हम संभालेंगे. सबसे बड़ा काम एफएमसीजी को संभालना है. देश के लोगों ने हम पर भरोसा किया है. घी, तेल, दवाइयों पर भरोसा किया. हमारे पास 300 वैज्ञानिक हैं. एक प्रतिशत चीज ही हम आउटसोर्स करते हैं जैसे नमक.
आर्कबिशप का बयान राजनीति से प्रेरित
आर्कबिशप के संविधान के तानेबाने पर खतरे के बयान का रामदेव ने कहा कि ये सब राजनीतिक रूप से प्रेरित बयान है. मैंने इनका नाम पहली बार सुना है. इनका देश के लिए क्या योगदान है. ये राजनीति को नहीं समझते हैं. जो लोग राजनीति को समझते हैं, उन्हें ही ऐसे बयान देना चाहिए. हाल ही में यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के टेस्ट ट्यूब बेबी वाले बयान के सवाल पर रामदेव ने कहा कि अगर कोई राजनेता धर्म और अध्यात्म को समझता है तो ही उस पर बयान दे. नहीं तो वे मौन रहे तो अच्छा है.
मैं जिंदादिल आदमी, पर स्वभाव से संन्यासी
रामदेव का काला धन वाला आंदोलनकारी जिंदा है? इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि मैं एक जिंदादिल आदमी हूं, पर स्वभाव से संन्यासी हूं. मेरी आत्मा न मरी है न मरेगी. जो भी देश के लिए उचित होगा मैं बोलूंगा और करूंगा. योग के सवाल पर उन्होंने कहा कि योग को सिस्टम में शामिल करना चाहिए. सब लोग रोज सुबह योग करें. सदाचार जब तक नहीं बढ़ेगा, भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा. योग को सम्मान मिलना चाहिए.

Monday, September 10, 2018

बिहार में तीन की मौत मॉब लिंचिंग या बदले की कार्रवाई

बिहार के बेगूसराय ज़िले में शुक्रवार को भीड़ की पिटाई से तीन लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर ली है.
शुक्रवार को हुई मॉब लींचिंग की यह घटना छौड़ाही ओपी क्षेत्र की है. यहां के एएसआई आमोद कुमार के बयान पर शनिवार देर शाम प्राथमिकी दर्ज हुई है.
पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को नामजद किया और 150 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है. हालांकि मामले में अब तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
इसके साथ ही छौड़ाही ओपी के थानाध्यक्ष सिंटू कुमार झा को सस्पेंड कर दिया गया है. उन्हें घटना की सूचना मिलने के बाद भी समय पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में सस्पेंड किया गया है. बेगूसराय एसपी के मुताबिक एसएचओ अगर समय पर वारदात की जगह पर पहुंचते तो इस बड़ी घटना को टाला जा सकता था.

पुलिस के मुताबिक मुकेश महतो, श्याम सिंह और हीरा सिंह एक बच्ची के अपहरण की नीयत से ज़िले के नारायण पीपड़ गांव के एक सरकारी स्कूल पहुंचे थे. इस छात्रा की माँ अपनी एक दूसरी बेटी के साथ अपने मायके चली गई हैं.
पुलिस के मुताबिक छात्रा पहले से ही अपने ननिहाल में थी जबकि उसके पिता बाहर मज़दूरी करते हैं.
इसके बाद भीड़ ने इन तीनों की पिटाई की जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
ज़िला पुलिस के मुताबिक इस मामले में मारे गए लोगों में से किसी के परिजन की ओर से अब तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है. पुलिस ने तीनों मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए हैं.
मृतकों में से दो लोगों के गांव कुंभी और वारदात की जगह के बीच क़रीब दो किलोमीटर की दूरी है.
इस पर बीबीसी ने एसपी से पूछा कि घटना के बाद इलाके में क्या कोई तनाव है? जवाब में एसपी ने कहा, ''मैंने नारायण पीपड़ में तत्काल एक पुलिस पिकेट खोलने का आदेश दिया है. वैसे इलाके में कोई तनाव नहीं है. मारे गए लोग अपराधी थे. इनमें से एक चार दिन पहले ही छूट कर आया था. इनसे इलाके के लोग पहले से ही आहत थे क्योंकि ये सभी इसी इलाके में अपराध किया करते थे.''
स्थानीय लोगों ने भी फ़ोन पर बताया कि इलाके में तनाव नहीं है, लेकिन नारायण पीपड़ गांव के लोग एफ़आईआर में नाम आने की आशंका से दहशत में हैं. साथ ही शनिवार को वो सरकारी स्कूल भी बंद रहा जिसके अहाते में शुक्रवार को यह वारदात हुई थी.
अब पुलिस ने गांव में गश्ती के लिए 2 अफ़सरों सहित 10 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं.
बेगूसराय ज़िले के छौड़ाही पुलिस आउट पोस्ट क्षेत्र में हुई शुक्रवार की इस घटना का विवरण देते हुए एसपी आदित्य कुमार ने ये बातें बताईं, ''स्कूल की प्रिंसिपल नीमा कुमारी ने बताया कि तीन अपराधियों ने आकर उन पर बंदूक तान दी. बंदूक तानकर उन्होंने एक बच्ची के बारे में पूछा. इसके जवाब में प्रिसिंपल ने कहा कि वह बच्ची स्कूल नहीं आई है, आप उनके घर चले जाइए. इस पर अपराधियों ने प्रिसिंपल से ही बच्ची को बुलाने को कहा. इस दौरान उन्होंने बाकी बच्चों को वहां से भगा दिया. भागते बच्चों ने जब शोर मचाया तो भीड़ इकट्ठी हो गई.''
एसपी आदित्य कुमार ने आगे बताया, ''जब तक पुलिस पहुंची तब तक भीड़ इन तीनों की बुरी तरह से पिटाई कर चुकी थी. पुलिस के पहुंचने तक उनकी सांसें चल रही थीं. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया जहां उनकी मौत हो गई.''
पुलिस के मुताबिक स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका नीमा कुमारी से भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.
गांव के ही राम उदित भी एसपी आदित्य कुमार की इस बात की तस्दीक करते हैं कि कमरे में बंद श्याम और हीरा सिंह के ललकारने के कारण भी भीड़ का गुस्सा बढ़ा.
उन्होंने बताया, "दोनों ये कह रहे थे कि बच गए तो सबको भून के रख देंगे. इसके बाद भीड़ ने पहले कमरे में घुस कर उनको मारा और फिर बाहर निकाल कर भी उनकी पिटाई की."
पुलिस के मुताबिक मारे गए तीनों विशुद्ध अपराधी थे और इन पर आर्म्स एक्ट, छीनने के अपराध से लेकर हत्या तक के आरोप थे. पुलिस का कहना है कि मृतकों में से दो को जब एक कमरे में बंद कर दिया गया था तो वे बाहर निकलने पर भीड़ को देख लेने की धमकी देते हुए ललकार रहे थे. इससे भीड़ और उग्र हो गई और फिर उन्हें कमरे से बाहर निकालकर पीटा.
वहीं बिहार के पुलिस महानिदेशक केएस त्रिवेदी का कहना है कि शुक्रवार की घटना मॉब लिंचिंग है नहीं या नहीं, यह बहस का विषय है.
उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, ''मॉब लिंचिंग में कारण पता नहीं होता है, आदमी इनोसेंट होता है. कई बार गाय मारने आदि के नाम पर लोग हल्ला मचा देते हैं और फिर घटना घट जाती है. यह ऐसी घटना नहीं है. यह घटना रिएक्शन की है. हथियारबंद अपराधियों ने एक नाबालिग लड़की को किडनैप करने की कोशिश की. इसके रिएक्शन में लोगों ने उनको पीटा जिसमें उनकी मौत हो गई. अब आप समझें इसे क्या कहना है.''
नारायण पीपड़ के ग्रामीण भी बताते हैं कि मारे गए तीनों शख्स अपराधी प्रवृति के थे. जैसा कि एक गांव वाले राम उदित राय ने बताया, "कुछ दिनों पहले रंगदारी नहीं देने के कारण मुकेश महतो गांव आकर आधी रात को एक व्यक्ति की उसी के घर में पिटाई की थी. हाल के महीनों में गांव के आस-पास मोटरसाइकिल छीनने की वारदातों के पीछे भी मुकेश के गैंग का हाथ था. इन लोगों के कारण गांव की बहू-बेटियों का दूर खेत मे जाना मुश्किल हो गया था."